नई दिल्ली, 24 मई 2025, शनिवार। सतना जिले की उन नामी स्कूलों पर, जहां दाखिले के लिए लोग तरसते हैं, केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के नियमों की अवहेलना कर मनमानी किताबें चलाने के लिए कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट डॉ. सतीश कुमार ने कड़ा कदम उठाया है। इन स्कूलों पर कुल 36 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों से जमीन बेचकर और मध्यमवर्गीय परिवार फीस भरने के लिए परेशान होकर अपने बच्चों को इन स्कूलों में पढ़ाने आते हैं, लेकिन इन स्कूलों ने अभिभावकों की मजबूरी को व्यापार का जरिया बना लिया।
सीबीएसई के आदेशों के विपरीत मनमानी किताबें थोपने के लिए 16 स्कूलों पर 2-2 लाख रुपये और एक स्कूल पर 4 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। नियमों के अनुसार, इन स्कूलों पर 2-2 करोड़ रुपये का जुर्माना होना चाहिए था, ताकि अभिभावकों को मजबूरी में खरीदी गई किताबों के लिए 2-2 लाख रुपये का मुआवजा मिल सके। लेकिन, फिलहाल कम जुर्माना लगाकर कार्रवाई को हल्का कर दिया गया।
जुर्माना लगने वाली स्कूलों की सूची:
एकेडमिक हाइट्स स्कूल, करही – 2 लाख
माउंट लिट्रा Zee स्कूल, मरौहा सिधौली – 2 लाख
ब्लूम्स एकेडमी स्कूल, पन्ना रोड – 2 लाख
सेंट माइकल, अमौधा – 2 लाख
द विट्स स्कूल – 2 लाख
D-पॉल स्कूल, माधवगढ़ – 2 लाख
प्रियंबदा बिरला स्कूल – 2 लाख
चाणक्य पब्लिक स्कूल – 2 लाख
क्राइस्ट ज्योति – 2 लाख
द लवडेल – 2 लाख
बोनान्जा कान्वेंट, बद्खर – 2 लाख
दिल्ली पब्लिक स्कूल, सोनौरा – 2 लाख
CMA स्कूल, पन्ना रोड – 2 लाख
भारतीय विद्या भवन प्रिज्म स्कूल, मनकहरी – 2 लाख
सदगुरु पब्लिक स्कूल, चित्रकूट – 2 लाख
स्वामी विवेकानंद पब्लिक स्कूल, नागौद – 2 लाख
गुरुकुलम, टिकुरिया टोला – 4 लाख
यह कार्रवाई अभिभावकों के लिए राहत की बात है, लेकिन सवाल उठता है कि क्या इतना जुर्माना इन स्कूलों की मनमानी रोकने के लिए काफी है? अभिभावकों का कहना है कि स्कूलों की इस लूट को रोकने के लिए और सख्त कदम उठाने की जरूरत है।