आज मुख्यमंत्री के साथ हाथरस पहुंचे मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और डीजीपी प्रशांत कुमार ने भी घटनास्थल का निरीक्षण किया। भगदड़ में घायल लोगों से भी बात की। अफसरों से भी जानकारी ली लेकिन बाद में इन अफसरों ने जिम्मेदार केवल आयोजकों और बाबा के सेवादारों को ही ठहराया। इन दोनों अधिकारियों के रुख से हाथरस के अफसरों ने भी चैन की सांस ली। वहीं, अलीगढ़ की कमिश्नर चैत्रा वी ने बताया कि प्रकरण में जांच की जा रही है। कई बिंदुओं पर गहनता से परीक्षण किया जा रहा है। बुधवार की देर शाम तक शासन को रिपोर्ट भेज दी जाएगी। वहां से जो आदेश होगा, उसका पालन किया जाएगा।
सत्संग में भगदड़ मचने से हुई लोगों की मौत के मामले में दर्ज रिपोर्ट में बाबा का नाम क्यों नहीं है, यह सवाल भी मुख्यमंत्री और पुलिस अफसरों के सामने खूब गूंजे। पत्रकार अफसरों से बार-बार सवाल पूछते रहे कि क्या बाबा का नाम भी मुकदमे में शामिल किया जा रहा है। लेकिन इस पर किसी का कोई जवाब नहीं आया। बस अधिकारी बार-बार यही कहते रहे कि जांच की जाएगी, जिसकी भी जिम्मेदारी होगी, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जिन्होंने आयोजन की अनुमति ली थी, उनके खिलाफ मुकदमा होता है।