आज पूरे देश में अक्षय ऊर्जा दिवस मनाया जाता है। यह दिन देश में अक्षय ऊर्जा संसाधनों की अहमियत को चिह्नित करने के लिए मनाया जाता है। भारत सरकार, देश को ऊर्जा की एक स्थायी मात्रा प्रदान करने के लिए विकास अथवा नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों की अहमियत से अवगत है। ऐसे वक़्त में उन व्यक्तियों के बीच नवीकरणीय संसाधनों के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देना अहम बन जाता है जो इस विषय से अनभिज्ञ
भारतीय अक्षय उर्जा दिवस का आरम्भ वर्ष 2004 में अक्षय ऊर्जा विकास कार्यक्रमों का समर्थन करने तथा ऊर्जा के पारंपरिक स्रोतों की जगह इसके इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए किया गया था। अक्षय उर्जा दिवस से संबंधित प्रथम कार्यक्रम नई दिल्ली में आयोजित किया गया था।
वही तत्कालीन प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह ने 2004 में इस मौके पर एक स्मारक डाक टिकट जारी किया, तथा 12,000 स्कूली विद्यार्थियों ने अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए एक मानव श्रृंखला बनाई। इस दिन को भारत के पूर्व प्रधान मंत्री राजीव गांधी की जयंती के तौर पर चुना गया था।