इंडिया गठबंधन की बैठक से पहले तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने कांग्रस से अपनी जमींदारी संस्कृति को त्यागकर ममता बनर्जी जैसे वरिष्ठ नेताओं को गठबंधन के चेहरे के तौर पर पेश करने की दिशा में काम करने की सलाह दी है। टीएमसी सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बैठक के लिए पहले से ही दिल्ली में मौजूद है। उन्होंने बताया कि लोक सभा के चुनाव के बाद ब्लॉक के पीएम की घोषणा की जाएगी।
टीएमसी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, ‘तीन राज्यों में मिली हार से कांग्रेस को इससे सीखना चाहिए। उन्हें जमींदारी संस्कृति को त्यागना होगा। इंडिया गठबंधन की जीत के लिए उन्हें ममता बनर्जी जैसे अन्य वरिष्ठ नेताओं को गठबंधन का चेहरा बनाना होगा।’
टीएमसी की टिप्पणी के बाद कांग्रेस की तीखी प्रतिक्रिया
बता दें कि कांग्रेस हाल ही में राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में भाजपा से हार गई थी। देश की सबसे पुरानी पार्टी के प्रदर्शन से नाखुश होकर कुणाल घोष ने कहा, ‘भाजपा को हराने में कांग्रेस लगातार हार रही है। वहीं दूसरी तरफ टीएमसी है, जिसने कई बार भाजपा को हराया है।’ हालांकि, इस टिप्पणी के बाद पश्चिम बंगाल की कांग्रेस इकाई की तरफ से तीखी प्रतिक्रिया आई है।
प्रवक्ता सौम्या आइच रॉय ने कहा, ‘हमें भाजपा से लड़ने के लिए टीएमसी से सबक सीखने की जरूरत नहीं है। ये कांग्रेस ही है जो लगातार भाजपा के खिलाफ लड़ रही है। टीएमसी की तरह नहीं, जिसने कई मौके पर भगवा पार्टी से समझौता भी किए है।’ उन्होंने यह भी बताया कि पश्चिम बंगाल मे टीएमसी बामपथियों के साथ है।
लोकसभा चुनाव के बाद पीएम के नाम पर चर्चा
टीएमसी सूत्र के अनुसार, पार्टी सीट बंटवारे को लेकर बहुत उत्सुक है। नई दिल्ली में ममता बनर्जी ने बताया कि लोकसभा चुनाव के बाद इंडिया गठबंधन में प्रधानमंत्री के नाम पर चर्चा होगी। सीपीआई (एम) के नेता विकास रंजन भट्टाचार्य ने कहा कि सीट बंटवारा में टीएमसी की शायद ही कोई भूमिका हो। पश्चिम बंगाल में हम जानते हैं कि टीएमसी और भाजपा दोनों ही एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। बता दें कि राज्य में कांग्रेस और सीपीआई(एम) टीएमसी और भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ रही है।