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Monday, November 11, 2024

TMC नेता शुभेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी को दिखाए बागी तेवर, कैबिनेट बैठक नहीं पहुंचे, BJP में शामिल होने की चर्चा

पश्चिम बंगाल में गृह मंत्री अमित शाह के दौरे के बाद से ही सियासी हलचल तेज है। अगले साल होने वाले पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राज्य की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी को बड़ा झटका लगने के संकेत दिख रहे हैं। सूत्रों की मानें तो शुभेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी को बागी तेवर दिखाए हैं और वह आज हुई कैबिनेट बैठक में भी नहीं पहुंचे हैं। राजनीतिक गलियारों में ऐसी चर्चा है कि ममता बनर्जी की कैबिनेट में मंत्री शुभेंदु अधिकारी टीएमसी से नाता तोड़ भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो सकते हैं। शुभेंदु अधिकारी ममता बनर्जी के काफी खास और भरोसेमंद नेता माने जाते हैं। 

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो आज ममता बनर्जी की कैबिनेट बैठक में न सिर्फ शुभेंदु अधिकारी ही नदारद दिखे हैं, बल्कि उनके अलावा तीन अन्य मंत्री राजीव बनर्जी, गौतम देब और रवींद्र घोष भी बैठक में नहीं पहुंचे हैं। ऐसी चर्चा है कि ये लोग ममता बनर्जी से बगावत कर सकते हैं और टीएमसी से अलग राह चुन सकते हैं। खबर यह भी है कि शुभेंदू अधिकारी ने टीएमसी से अलग एक रैली भी की है, जहां ममता बनर्जी की तस्वीर नहीं लगी थी। यही वजह है कि ऐसी अटकलों को बल मिल रहा है।

दरअसल, शुभेंदु अधिकारी समेत इन मंत्रियों की बगावत ऐसे वक्त में सामने आई है, जब हाल ही में अमित शाह ने पश्चिम बंगाल का दौरा किया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 5 नवंबर को बंगाल में दो दिवसीय दौरे पर गए थे और जहां उन्होंने आगामी चुनाव को लेकर बीजेपी की तैयारियों का जायजा लिया था और पार्टी को मजबूत करने के लिए कार्यकर्ताओं से बातचीत की थी। शाह के दौरे के बाद से ही पश्चिम बंगाल की सियासत गर्म दिख रही है। शुभेंदू अधिकारी अगर टीएमसी का साथ छोड़ते हैं तो यह ममता बनर्जी के लिए बड़ा झटका इसलिए भी होगा, क्योंकि शुभेंदु का कई सीटों पर प्रभाव दिखता है।

कौन हैं शुभेंदु अधिकारी
शुभेंदु अधिकारी ममता सरकार में परिवहम, जल और सिंचाई मंत्री हैं। शुभेंदू को ममता बनर्जी का काफी भरोसेमंद नेता माना जाता है। वह पूर्व मेदिनीपुर जिले का मुख्यालय तमलुक संसदीय क्षेत्र से सांसद भी रहे हैं। माकपा के गढ़ को भेदने में शुभेंदु अधिकारी का भी योगदान है। 2009 से पहले तक तमलुक सीट माकपा का अभेद्य दुर्ग माना जाता रहा, लेकिन 2009 में हुए संसदीय चुनाव में इस सीट से तृणमूल के शुभेंदु अधिकारी निर्वाचित हुए और फिर माकपा का अभूतपूर्व पराभव शुरू हो गया। 2014 में हुए पिछले चुनाव में भी इस सीट से शुभेंदु जीते, लेकिन 2016 में राज्य विधानसभा चुनाव के बाद शुभेंदु अधिकारी संसदीय राजनीति से दूर हो गए और नंदीग्राम से विधायक चुने गए। लिहाजा 2016 में इस सीट के लिए उपचुनाव हुआ, जिसमें शुभेंदु के छोटे भाई दिव्येंदु अधिकारी उम्मीदवार बने और जीते भी।

बंगाल में अमित शाह ने 200 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा

केंद्रीय गृह मंत्री और बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह 5 नवंबर को दो दिवसीय दौरे पर पश्चिम बंगाल पहुंचे थे, जहां उन्होंने 13 जिलों के नेताओं के साथ एक बैठक की। इस बैठक में अमित शाह ने नेताओं से कहा कि आगामी पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 200 से अधिक सीटें जीतनी चाहिए। अमित शाह ने कहा कि ममता बनर्जी ने प्रशासन का राजनीतिकरण कर दिया है, राजनीति का अपराधीकरण कर दिया तो भ्रष्टाचार को संस्थागत कर दिया है। उन्होंने कहा कि टीएमसी कैडर ने साइक्लोन और कोरोना महामारी में सहायता वितरण में भी भ्रष्टाचार किया। 

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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