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Monday, June 23, 2025

कोरोना की तीन लहर, सबसे ज्यादा युवाओं पर कहर

कोरोना उम्र नहीं देखता। यह किसी को भी संक्रमित कर सकता है, लेकिन तीनों लहर की अब तक की स्वास्थ्य विभाग की स्टडी रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि इसने 21 से 40 साल उम्र के युवाओं को सबसे ज्यादा अपनी चपेट में लिया है। यह कुल मरीजों का करीब 45.35 प्रतिशत है। सबसे कम 10 साल तक के बच्चे चपेट में आए हैं, इनका प्रतिशत महज 3.43 प्रतिशत रहा है।

मेरठ स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना की तीनों लहर पोर्टल पर दर्ज 83 हजार 676 मरीजों के विश्लेषण के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला है। 41 से 60 साल उम्र वालों का प्रतिशत भी 30.24 रहा है। 11 से 20 साल तक वालों का प्रतिशत 8.92 रहा, जबकि 60 साल से अधिक उम्र वालों का प्रतिशत लगभग 12.05 रहा है।

आंकड़े बता रहे हैं कि सबसे ज्यादा युवा आबादी कोरोना वायरस के निशाने पर रही है, जोकि वर्किंग पॉपुलेशन (कामकाजी लोग) का बड़ा हिस्सा है। अब यह स्पष्ट हो गया है कि कोरोना महामारी की तीनों लहर में ही खास आयु वर्ग के लोगों के संक्रमित होने का आंकड़ा ज्यादा है। स्वास्थ्य विभाग का अवलोकन है कि युवाओं के ज्यादा चपेट में आने की वजह उनका सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करना, मास्क कम लगाना और ज्यादा एक्सपोजर है। हालांकि यहां यह भी गौरतलब है कि वह इस बीमारी को हराने में भी युवा ज्यादा सक्षम हैं। रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होने के कारण कोरोना से जल्दी रिकवर हो जाते हैं।

किस उम्र वर्ग के कितने मरीज हुए संक्रमित
उम्र मरीज
0-10 2872
11-20 7467
21-40 37950
41-60 25303
60 साल से अधिक 10084

तीसरी लहर का हाल

पिछले 30 दिनों में जिले में कोरोना के 12660 मरीज मिले हैं। इनमें 1012 बच्चे और किशोर, 21 से 40 वर्ष के बीच के 5697 लोग, 41 से 60 साल वाले 3798 और 60 साल से ज्यादा उम्र के 2153 लोग हैं।

मौसम का नहीं ज्यादा फर्क

कोरोना पर मौसम का कोई फर्क नहीं रहा है। पहली लहर का पीक मार्च, अप्रैल और मई 2020 में रहा। दूसरी लहर का पीक मई और जून 2021 में रहा। तीसरी लहर अब जनवरी 2022 की ठंड में कहर बरपा रही है। अभी तक सबसे जानलेवा दूसरी लहर रही है।

किसी को भी हो सकता है कोरोना

सीएमओ डॉ. अखिलेश मोहन का कहना है कि यह संक्रमण किसी को भी हो सकता है। इस वायरस से जुड़ी बारीकियों में से एक बात यह है कि किसी व्यक्ति में यह संक्रमण बहुत हल्का हो सकता है। जहां संक्रमण के कोई संकेत या लक्षण नहीं दिखते, लेकिन फिर भी वह व्यक्ति इस वायरस का वाहक बन सकता है। उस व्यक्ति से यह दूसरे व्यक्ति में पहुंच सकता है, इसलिए हर किसी को सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर रखनी चाहिए।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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