सावन पूर्णिमा पर रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है। इस बार राखी रविवार (22 अगस्त) को है। इस दौरान श्रावण पूर्णिमा पर चार विशिष्ट योग बन रहे हैं।
इस बार सावन पूर्णिमा पर रक्षाबंधन पर राखी बांधने के मुहुर्त रविवार को सूर्योदय से लेकर शाम 5.33 बजे तक रहेगा। इस दिन भद्रा नहीं है और ना ही किसी प्रकार का कोई ग्रहण है। ऐसे में भद्रा सुबह सवा छ बजे ही खत्म हो जाएगी। इसलिए इस वर्ष का ‘रक्षाबंधन’ शुभ संयोग वाला है।
वहीं इस साल की श्रावण पूर्णिमा चार विशिष्ट योगों से परिपूर्ण है। साल 1981 में ऐसे चारों योग इस बास एक साथ बने थे। यानी की पूरे 50 वर्ष बाद सर्वार्थसिद्धि, कल्याणक, महामंगल और प्रीति योग एक साथ बनेंगे। ऐसे में इन योगों के बाद श्रावण पूर्णिमा का महात्म्य और अधिक हो गया है। इस बीच राखी बांधने की रस्म विशेष कल्याणकारी होगी।
इस दिन 11 पीली कौड़ी जरूर चढ़ाएं
वहीं दूसरी तरफ सावन का आखिरी दिन होने के कारण भगवान भोले नाथ की कृपा पाने का भी विशेष दिन है। यह शुभ तिथि भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की साधना के लिए भी अति उत्तम है। इसलिए सुख, वैभव और समृद्धि के लिए सावन पूर्णिमा के दिन धनी की देवी मां लक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु की अराधना भी करना अति लाभदायक होगा। लक्ष्मी मां की पूजा में 11 पीली कौड़ी जरूर चढ़ाएं और अगले दिन सभी इनको लाल कपड़े में बांधकर अपनी पैसों की जगह रख लें। इस उपाय से आर्थिक संकट दूर होगा।