गाजियाबाद, 6 जुलाई 2025: गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने उन बिल्डरों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है, जो आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) और निम्न आय वर्ग (LIG) के लिए तय फ्लैट्स बनाने में नाकाम रहे हैं। जीडीए उपाध्यक्ष ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एक जांच कमिटी गठित की है, जो बिल्डरों की मनमानी पर लगाम लगाने के लिए मौके पर जांच करेगी।
नियमों की अनदेखी की वजह से कार्रवाई
सरकारी नियमों के तहत, बड़े आवासीय प्रॉजेक्ट्स में बिल्डरों को EWS और LIG वर्ग के लिए एक निश्चित हिस्सा आवंटित करना अनिवार्य है। इसका मकसद समाज के हर तबके को किफायती आवास उपलब्ध कराना है। हालांकि, कई बिल्डर मुनाफे के चक्कर में इन नियमों की अनदेखी कर सिर्फ महंगे फ्लैट्स बनाते हैं, जिससे गरीब और मध्यम वर्ग के लिए घर का सपना अधूरा रह जाता है।
जीडीए उपाध्यक्ष ने दिखाई सख्ती
जीडीए उपाध्यक्ष ने हाल ही में हुई बैठक में इस मुद्दे पर गहन चर्चा की। सामने आया कि कई बिल्डरों ने EWS और LIG फ्लैट्स बनाने के वादे पूरे नहीं किए। इसके बाद उपाध्यक्ष ने तत्काल एक जांच कमिटी बनाने का आदेश दिया। यह कमिटी उन प्रॉजेक्ट्स की जांच करेगी, जहां इन श्रेणियों के फ्लैट्स बनने थे। कमिटी यह भी देखेगी कि यदि फ्लैट्स बने हैं, तो उनकी गुणवत्ता और आवंटन की स्थिति क्या है। साथ ही, नियमों के उल्लंघन के कारणों की भी पड़ताल होगी।
क्या करेगी जांच कमिटी?
कमिटी सिर्फ कागजी जांच तक सीमित नहीं रहेगी। इसके सदस्य प्रॉजेक्ट स्थलों पर जाकर वास्तविक स्थिति का जायजा लेंगे। अगर बिल्डरों ने जानबूझकर नियम तोड़े, तो कमिटी इसकी पूरी रिपोर्ट जीडीए को सौंपेगी।
बिल्डरों पर भारी जुर्माना, मंजूरी रद्द होने का खतरा
कमिटी की रिपोर्ट के आधार पर जीडीए दोषी बिल्डरों पर सख्त कार्रवाई करेगा। इसमें भारी जुर्माने से लेकर प्रॉजेक्ट की मंजूरी रद्द करने जैसे कदम शामिल हो सकते हैं। जीडीए ने साफ कर दिया है कि नियम तोड़ने वाले किसी भी बिल्डर को बख्शा नहीं जाएगा।
आम लोगों के लिए उम्मीद की किरण
जीडीए की इस पहल से उन लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है, जो लंबे समय से EWS और LIG फ्लैट्स का इंतजार कर रहे हैं। प्राधिकरण की सख्ती से बिल्डरों को नियमों का पालन करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा, जिससे भविष्य में सभी वर्गों के लिए किफायती आवास सुनिश्चित हो सकेगा।