विधानसभा चुनाव में प्रचार को गीतों व नारों के जरिये धार देने और माहौल बनाने की परंपरा तो पुरानी है, लेकिन इस बार के चुनाव में इनका कुछ ज्यादा बोलबाला रहा। कई प्रसिद्ध गायकों, लोक कलाकारों ने गीत गाए और प्रदेश की स्थिति को पक्ष-विपक्ष की नजर से बयां किया। इन गीतों के जरिये खूब वार-पलटवार हुए। दल ही नहीं, प्रत्याशियों ने भी वीडियो बनवाकर प्रचार किया। इसमें सबसे ज्यादा चर्चित रवि किशन के यूूपी में सब बा के जवाब में लोक गायिका नेहा राठौर का ‘यूपी में का बा’ गीत रहा। सोशल मीडिया में चले इस गीत के जरिये समाजवादी पार्टी ने भाजपा पर निशाना साधा, तो कवि अनामिका जैन अंबर ने ‘यूपी में बाबा है’ गीत के जरिये नेहा को जवाब दिया। यही नहीं ढेरों जवाबी गीत सोशल मीडिया में लोगों व लोक कलाकारों ने ‘यूपी में का बा’ के जवाब में डाले। भोजपुरी फिल्म कलाकार व गोरखपुर से सांसद रवि किशन और गायक व दिल्ली से सांसद मनोज तिवारी ने भी भाजपा के समर्थन में कई गीत गाए।
वहीं, बसपा समर्थकों ने ‘यूपी में ई बा’ के जरिये मायावती के मुख्यमंत्री रहने के दौरान प्रदेश में हुए कार्यों को गिनाया। बाकी पार्टियों व प्रत्याशियों की ओर से तैयार कराए गए गीतों की भरमार रही। भाजपा, सपा, कांग्रेस, बसपा, आम आदमी पार्टी, रालोद समेत सभी प्रमुख दलों के प्रचार गीतों की यूट्यूब, फेसबुक व अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मौजूदगी रही। व्हाट्सएप पर भी ये वीडियो खूब वायरल हुए। कोविड काल में रैलियों में भीड़ पर प्रतिबंध के दौरान इन गीतों के जरिये प्रचार व चुनावी माहौल बनाने की कोशिश की गई। एक प्रमुख गीत ‘जो राम को लाए हैं, हम उनको लाएंगे’ भी भाजपा के समर्थन में खूब चला। यह ऐसा गीत रहा जिसपर बराती खूब थिरके।
भाजपा : थीम सॉन्ग में काम गिनाकर कहा- यूपी फिर मांगे भाजपा सरकार
भाजपा के प्रचार वाले वीडियो तो इस बार सैकड़ों बने, लेकिन मुख्यमंत्री द्वारा लांच किए गए थीम सॉन्ग ‘यूपी फिर मांगे भाजपा सरकार…’ को पार्टी ने खूब चलाया। इसके जरिये प्रदेश में पिछले पांच सालों में हुए कामों को भी भाजपा ने गिनाए। वहीं अन्य गीतों में ‘जनता है जनार्दन, सुन लो यूपी के जन मन…’, ‘सब घाटों का कायाकल्प ये कहता है पुरजोर, काशी धाम में देखो कितना विकास हुआ हर ओर…’, ‘आएगी फिर से बीजेपी…’, ‘कर न पाईं यूपी में जो सारी पिछली सरकारें…करके दिखाया है, करके दिखाया है…’ भी खूब चले। सीएम के सूचना सलाहकार मृत्युंजय कुमार के लिखे ‘योगी बाबा बड़े लड़ैया’, ‘आएंगे तो योगी ही खूब’ चले। मनोज तिवारी व कन्हैया मित्तल का ‘मंदिर अब बनने लगा है, भगवा रंग चढ़ने लगा है। मंदिर जब बन जाएगा, सोच नजारा क्या होगा…’ गीत भी खूब चला।
सपा ने 50 से ज्यादा चुनावी गानों से बनाया माहौल
विधानसभा चुनाव के दौरान सपा ने करीब 50 से ज्यादा थीम सॉन्ग लाॅन्च किए। सपा की जनसभाओं और रथयात्रा के दौरान माहौल बनाने में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। इनमें 20 से ज्यादा गीत समाजवादी सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष एवं स्टार प्रचारक धर्मेंद्र सोलंकी के हैं। ‘बटन दबा दो साइकिल का, सुल्तान बदलने वाला है…’, ‘आएगा जब नतीजा अखबार देख लेना, इस बार साइकिल की रफ्तार देख लेना…, ‘तुझको वापस करेंगे तेरे सांड बाबाजी…’, ‘जो बेटी जलाए हैं, हम उनको भगाएंगे…’ सहित कई गीत हर कार्यक्रम में माहौल बनाने के लिए चलाए गए। इसी तरह ‘काम होगा, काम होगा…’ शीर्षक के साथ ही एमएलसी आनंद भदौरिया की ओर से तैयार कराए गए गीत ‘आएंगे अखिलेश, मिटाएंगे दुख दर्द अखिलेश…’ जैसे गीत युवाओं के सिर चढ़कर बोले। अखिलेश यादव की रथयात्रा में ‘जनता पुकारती है अखिलेश आइए…’, ‘यूपी में 10 मार्च को अखिलेश आएंगे’ जैसे गीत भी खूब चले।
आरएलडी आई रे…की भी रही धूम
सपा के मुख्य सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल का ‘आरएलडी आई रे…’ गीत भी खूब चर्चा में रहा। गीत के माध्यम से पार्टी ने न केवल कार्यकर्ताओं में जोश भरा, बल्कि अपने पक्ष में माहौल बनाने की भी कोशिश की। यही नहीं आरएलडी के इस गीत की तर्ज पर ‘सपा आई रे…’ गीत भी बना।
बसपा : रीमिक्स से लेकर लोक भाषाओं तक के गीतों की रही भरमार
बसपा ने पार्टी की ओर से तो ज्यादा थीम सॉन्ग जारी नहीं किए, लेकिन पार्टी नेताओं व प्रत्याशियों ने बड़ी संख्या में प्रचार गीत तैयार कराए। सोशल मीडिया में ये खूब चले भी। हिमेश रेशमिया के गाने की तर्ज पर ‘मजदूर हो या किसान, बहना के गुण ही गाएं, नारा है सबका बहना फिर सत्ता में आएं…’ गीत बना। वहीं चंद्रशीला शीलू ने ‘बहुजन पार्टी के जिताई, बसपा के सरकार बनाई…’ गीत गाया तो राहुल मित्तल ने ‘जैसा बसपा के शासन में था, वैसा उत्तर प्रदेश चाहिए’ प्रचार गीत बनाया।
कांग्रेस : प्रदेश महासचिव शरद मिश्र ने गढ़े गीतों के बोल
अन्य पार्टियों की तरह कांग्रेस के भी समर्थन में कई गीत सोशल मीडिया पर इस चुनाव में चले, लेकिन पार्टी के प्रदेश महासचिव शरद मिश्र ने मुद्दों पर आधारित कुछ विशेष गीत गढ़े, जिन्हें गायकों ने लयबद्ध किया। पहले गीत ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ का निर्देशन पंछी जालौनवी ने किया और स्वाति शर्मा ने गाया। वहीं, दूसरा गीत ‘कांग्रेस लाओ, महंगाई भगाओ’ रहा, जिसका निर्देशन पंछी जालौनवी द्वारा किया गया और गीतकार शादाब साबरी रहे। तीसरा गीत ‘हम वचन निभाएंगे’ रहा, जिसे शाहिद मल्लिया ने गाया। इसके अलावा ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’ की तर्ज पर कई अन्य गीत भी प्रचार के लिए बने। अन्य में ‘कांग्रेस आएगी, रोजगार लाएगी’, ‘जब अइहैं बहन प्रियंका…’ जैसे बहुत से गीत सोशल मीडिया पर छाए रहे।