पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होते ही उत्तरी भारत का मौसम पूरी तरह से बदल गया हैै। सूरज के बादलों में छिपने के बाद जहां पहाड़ों पर बर्फबारी का दौर शुरू हो गया है वहीं, मैदानी इलाकों में बारिश होने लगी है।
बृहस्पतिवार को दिनभर बूंदाबांदी होती रही, जिससे दिन का पारा 19.8 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़क गया, जो बीते 10 वर्षों के साथ इस सीजन का सबसे कम तापमान रहा है। इससे पहले 2011 में अधिकतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस रहा था। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि 6 दिसंबर तक दिल्ली-एनसीआर में हल्की बारिश का दौर जारी रह सकता है।
मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक राजेंद्र जेनामणि के मुताबिक, दिनभर बादल घिरे रहने के कारण अधिकतम तापमान 19.8 डिग्री तक खिसका, जो सामान्य से 5 डिग्री सेल्सियस कम रहा।
हालांकि, इसे शीत दिन घोषित नहीं किया जा सकता। क्योंकि, मैदानी इलाकों में शीतलहर घोषित करने के लिए न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से कम होना चाहिए, जबकि बृहस्पतिवार को न्यूनतम तापमान सामान्य से चार अधिक 13.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
मौसम के बदले मिजाज के कारण सुबह से ही कोहरे की चादर छाए रहने की वजह से दृश्यता का स्तर भी कम रहा। पालम हवाई अड्डे पर सुबह 10 बजे दृश्यता का स्तर 700 से 800 मीटर रहा। दोपहर एक बजे तक यह 1200 मीटर तक पहुंचा। वहीं, हल्की बारिश के दौरान फिर से दृश्यता कम होकर 500 से 800 मीटर दर्ज की गई।
हल्की बारिश की बीच हवा की रफ्तार पांच से 10 किमी प्रति घंटा रही, जिससे घरों से बाहर निकले लोग ठिठुरते नजर आए। सफदरजंग एयरपोर्ट पर सुबह दृश्यता का स्तर 600 से 800 मीटर के साथ खराब श्रेणी में दर्ज हुआ। शाम होते ही सर्द हवा ने लोगों को ठिठुरने पर मजबूर कर दिया।