22 अक्टूबर 2024:
प्रभु श्री राम की नगरी अयोध्या में इस साल का दीपोत्सव भव्य और दिव्य बनाने की तैयारियां जोरों पर हैं। 30 अक्टूबर को राम की पैड़ी पर 25 लाख से अधिक दीयों को एक साथ जलाकर नया विश्व रिकॉर्ड बनाया जाएगा।
इस विशेष आयोजन में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ 1100 साधु-संत मां सरयू की आरती में सम्मिलित होंगे, जो एक विश्व रिकॉर्ड होगा।
आज सुबह अवध यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रो. प्रतिभा गोयल ने भूमि पूजन कर दीपोत्सव की विधिवत शुरुआत की।
उन्होंने माता सरयू और भगवान श्री राम किया जिससे कि सभी कार्य निर्विघ्न हो सके।
उन्होंने कहा “दीपोत्सव की तैयारी अब तेजी से हो रही है। घाटों पर 30 हजार से अधिक वॉलिंटियर्स दीये बिछाने और उन्हें जलाने का काम करेंगे, और हम इस बार फिर से एक नया रिकॉर्ड बनाएंगे।”
25 अक्टूबर से घाटों पर पहुंचेगी सामग्री
अयोध्या दीपोत्सव के नोडल प्रभारी डॉ. एस.एस. मिश्रा ने बताया कि 25 अक्टूबर से घाटों पर दीये और अन्य सामग्री पहुंचने लगेगी। इसके बाद वालंटियर दीयों को बिछाने का काम शुरू करेंगे।
लगभग 80% तैयारियां पूरी हो चुकी हैं और बचे हुए सामान जैसे दीपक, तेल और बाती भी जल्द ही उपलब्ध हो जाएगी।
इस बार घाटों पर मौजूद सभी वालंटियर्स विशेष ड्रेस में नजर आएंगे, जो इस भव्य आयोजन को और आकर्षक बनाएगा।
28 लाख दीयों का प्रकाश फैलेगा अयोध्या में
इस साल दीपोत्सव में 28 लाख दीयों को प्रज्वलित करने की योजना बनाई गई है, जो अयोध्या के 55 घाटों और भजन संध्या स्थल पर लगाए जाएंगे। इसके लिए 40 लाख रूई की बत्तियां तैयार की जा रही हैं।
दीपोत्सव 2024 के लिए 32 लाख दीये खरीदे जा रहे हैं, जिन्हें सरयू नदी के किनारे और विभिन्न स्थलों पर जलाया जाएगा।
विशेष आकर्षण: राम मंदिर और शोभायात्रा
इस साल का दीपोत्सव इसलिए भी खास है क्योंकि भगवान राम लला अब अपने भव्य मंदिर में विराजमान हो चुके हैं। राम मंदिर के गर्भ गृह की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न हो चुकी है, जिससे यह आयोजन विशेष महत्व रखता है।
इसके साथ ही, 18 झांकियों की 3 किलोमीटर लंबी शोभायात्रा भी रामपथ पर निकाली जाएगी, जिसका निर्माण संस्कृति और पर्यटन विभाग द्वारा किया जा रहा है। रामायण के सर्गों पर आधारित सात बृहद द्वार भी बनाए जाएंगे, जो इस आयोजन की भव्यता को और बढ़ाएंगे।
दीपोत्सव स्थल की विशेष तैयारी
राम की पौड़ी पर दर्शकों के लिए स्टेडियम की तर्ज पर विशेष सीढ़ियां बनाई जा रही हैं, जहां 10 से 15 हजार दर्शक एक साथ बैठकर इस दीपोत्सव का आनंद ले सकेंगे।
दीपोत्सव के दौरान 25 लाख दीपों के प्रज्वलन का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें अवध विश्वविद्यालय और अन्य महाविद्यालयों के 30 हजार से अधिक वॉलिंटियर्स सक्रिय भूमिका निभाएंगे।
रामनगरी अयोध्या का यह दीपोत्सव न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण होगा, बल्कि यह एक विश्वस्तरीय आयोजन बनने जा रहा है, जिसमें पूरी दुनिया की नजरें अयोध्या पर होंगी।