वाराणसी, 22 मई 2025, गुरुवार। काशी की बनारसी साड़ियां अपनी बारीक बुनावट और अनूठी कला के लिए विश्व प्रसिद्ध हैं, लेकिन इस बार वाराणसी के बुनकरों ने एक ऐसी साड़ी रची है, जो न केवल कला का नमूना है, बल्कि भारतीय सेना के शौर्य और तकनीकी शक्ति का प्रतीक भी है। इस खास साड़ी पर ऑपरेशन सिन्दूर की अमिट छाप उकेरी गई है, जिसमें S-400 एयर डिफेंस सिस्टम, INS विक्रांत युद्धपोत, राफेल विमान और ब्रह्मोस मिसाइल जैसी सैन्य शक्तियों को बारीकी से चित्रित किया गया है। यह साड़ी भारतीय सेना के पराक्रम और काशी की कला का एक अनोखा संगम है।
वाराणसी के चौक में अपनी दुकान चलाने वाले व्यापारी विकास ने इस साड़ी को तैयार करवाने का सपना देखा। उनके लिए यह साड़ी सिर्फ कपड़ा नहीं, बल्कि देशभक्ति और सम्मान का प्रतीक है। विकास बताते हैं, “जब ऑपरेशन सिन्दूर चल रहा था, मेरे मन में विचार आया कि कुछ ऐसा करना चाहिए, जो काशी की शिल्पकला को भारतीय सेना के शौर्य के साथ जोड़े। यह साड़ी सैनिकों के लिए एक तोहफा है, जो हमें सुरक्षा देता है।” उनका मकसद साफ है—यह साड़ी बिक्री के लिए नहीं, बल्कि सैनिकों को उपहार स्वरूप दी जाएगी, खासकर कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह को, जिन्होंने देश के लिए अतुलनीय योगदान दिया है।
इस साड़ी की हर बुनावट में भारतीय सेना की ताकत और गौरव झलकता है। S-400 की अचूक निशानेबाजी, INS विक्रांत की समुद्री ताकत, राफेल की उड़ान और ब्रह्मोस की विनाशकारी शक्ति को बुनकरों ने इतनी बारीकी से उकेरा है कि यह साड़ी देखते ही मन में देशभक्ति का जज्बा जाग उठता है। विकास का कहना है, “हम चाहते हैं कि यह साड़ी हर सैनिक तक पहुंचे, ताकि उन्हें एहसास हो कि पूरा देश उनके साथ है। सैनिकों की वजह से ही हम सुरक्षित हैं।”
यह साड़ी न केवल काशी की कला को नई ऊंचाइयों तक ले जाती है, बल्कि भारतीय सेना के प्रति कृतज्ञता और सम्मान का एक अनमोल संदेश भी देती है। यह एक ऐसी कृति है, जो शौर्य, कला और देशभक्ति को एक साथ बुनती है, और हर भारतीय के दिल को गर्व से भर देती है।