अमेरिकी सदन की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी की यात्रा के बाद अमेरिका ने चीन को एक और झटका दिया है। दरअसल, अमेरिकी नौसेना ने अपने दो युद्धपोतों को ताइवान जलडमरूमध्य से गुजारकर ड्रैगन को अपनी ताकत का एहसास करवाया है। बताया जा रहा है कि दो गाइडेड-मिसाइल क्रूजर, यूएसएस एंटियेटम और यूएसएस चांसलर्सविले, अंतरराष्ट्रीय जल के माध्यम से नेविगेशन की स्वतंत्रता का प्रदर्शन किया। अमेरिकी नौसेना ने एक बयान जारी कर कहा कि ताइवान जलडमरूमध्य के माध्यम से होकर गुजरना अमेरिका की एक स्वतंत्र और खुले इंडो-पैसिफिक के प्रति प्रतिबद्धता का प्रदर्शन करता है। एक के बाद एक अमेरिकी अधिकारियों और राजनेताओं की ताइवान यात्रा ने चीन और अमेरिका के बीच एक नए सिरे से तनाव को जन्म दिया है।
110 मील का जलडमरूमध्य पानी का एक खंड है जो ताइवान के लोकतांत्रिक स्व-शासित द्वीप को मुख्य भूमि चीन से अलग करता है। चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी का द्वीप पर कभी नियंत्रण नहीं होने के बावजूद ताइवान पर संप्रभुता का दावा करता है और उसे अपना जलडमरूमध्य को मानता है। हालांकि, अमेरिकी नौसेना ने कहा कि अधिकांश जलडमरूमध्य अंतरराष्ट्रीय जल में है।
ग्लोबल टाइम्स से जुड़े चीन के पत्रकार हू शिजिन ने कहा कि अमेरिकी सेना चीन को लगातार उकसाने का काम कर रहा है। अब और बर्दाश्त नहीं कर सकते। अब हमें भ्रम में रहना छोड़ देना चाहिए कि अमेरिका एक मित्र देश है। चीन के उदय को कमजोर करने में बाहरी ताकतों के लाभ को खत्म करने के लिए ताइवान मुद्दे के समाधान में तेजी आनी चाहिए। ताइवान जलडमरूमध्य चीन और ताइवान के बीच 1949 से ही एक तनावपूर्ण क्षेत्र रहा है।