लखनऊ, 20 फरवरी 2025, गुरुवार। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने विधानसभा में योगी सरकार का नौवां बजट भाषण पढ़ते हुए शेरो शायरी के माध्यम से प्रदेश सरकार की उपलब्धियों का बखान किया तो वहीं विपक्ष पर तीखे वार भी किये। योगी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-2026 के लिए 8 लाख 8 हजार 736 करोड़ 6 लाख रुपये का ऐतिहासिक बजट विधानसभा में पेश किया। यह उत्तर प्रदेश के इतिहास में अबतक का सबसे बड़ा बजट है। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने इसे प्रदेश के आर्थिक विकास और सामाजिक कल्याण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताते हुए प्रस्तुत किया। सुरेश खन्ना ने इस दौरान पुराणों के श्लोक से लेकर बशीर बद्र की गज़ल तक पढ़ी। उत्तर प्रदेश सरकार के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार में नौवां बजट पेश करते हुए पूर्ववर्ती समाजवादी पार्टी (सपा) सरकार पर तंज के अंदाज में एक शेर पढ़ा – ”लोग यहां ख्वाब दिखाते हैं अक्सर, हर एक ख्वाब को सच कर दिया है योगी ने।”
विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन बृहस्पतिवार को वित्त मंत्री खन्ना ने उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में 2025-2026 के बजट अनुमानों पर 34 पेज का अपना बजट भाषण करीब सवा घंटे में पढ़ा। इस दौरान उन्होंने योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में हुए विकास कार्यों की सराहना करते हुए कहा ”प्रदेश में जिस प्रकार अवस्थापना सुविधाओं का चतुर्दिक विकास और आवागमन की सुविधाओं का द्रुत गति से विस्तार हुआ है, वह वर्ष 2017 के पहले (2012-2017 तक अखिलेश यादव के नेतृत्व की सपा सरकार) प्रदेश में रही सरकार के लिए सपने में भी शायद संभव नहीं था।”
अपने बजट भाषण में खन्ना ने मौजूदा परिस्थितियों से लेकर योगी आदित्यनाथ की सराहना में भी कई शेर पढ़े। शुरुआत में ही मुख्यमंत्री योगी को एक तपोनिष्ठ कर्मयोगी के समान प्रदेश के विकास के लिए अहर्निश कार्य करने वाला बताते हुए उन्होंने कहा ”जिस दिन से चला हूं मेरी मंजिल पर नजर है, आँखों ने कभी मील का पत्थर नहीं देखा।” उन्होंने कानून-व्यवस्था की बेहतरी और अपराधियों के खिलाफ अभियान का जिक्र किया और विपक्षी दलों की ओर इशारा करते हुए कहा ”जब हमारी सरकार ने कार्यभार संभाला तब प्रदेश में गुंडाराज था, लेकिन मुख्यमंत्री ने अपराध के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति अपनाकर गुंडों-माफिया पर कार्रवाई की।”
खन्ना ने विपक्ष की ओर निशाना साधते हुए कहा ”कश्ती चलाने वालों ने जब हार के दी पतवार हमें। लहर-लहर तूफान मिले और संग-संग मझधार हमें। फिर भी दिखलाया है हमने और आगे दिखा भी देंगे। इन हालातों में आता है दरिया करना पार हमें।” वित्त मंत्री ने कोविड महामारी की वैश्विक चुनौतियों से निपटने के सरकार के प्रयासों का जिक्र करते हुए कहा ”रात कितनी भले ही क्यों न हो स्याह, आखिर में उसे मात खानी ही पड़ेगी रोशनी के हाथ से।”
प्रयाराज महाकुंभ को योगी सरकार अपनी एक बड़ी सफलता के तौर पर देखती है। लिहाजा वित्त मंत्री ने भी मौका नहीं छोड़ा और अपने बजट भाषण की शुरुआत संस्कृत के श्लोक से की। इसमें कुंभ के नक्षत्रों के योग और उसके फल का जिक्र है – “मेष राशिगते जीवे मकरे चन्द्रभास्करौ। अमावस्या तदा योगःकुम्भख्यस्तीर्थ नायके.” अर्थात बृहस्पति मेष राशि में तथा चन्द्र और सूर्य मकर राशि में जब आते हैं और अमावस्या तिथि हो तो तीर्थो के नायक प्रयाग में कुम्भयोग होता है। हमारी प्राचीन आस्था, धर्म और संस्कृति के प्रतीक कुम्भ योग को अनादिकाल से सर्वश्रेष्ठ साक्षात मुक्ति पद की संज्ञा दी गई है।
वित्त मंत्री ने उपलब्धियां गिनाते हुए और विपक्ष पर तंज कसते हुए और भी शेर पढ़े। वह जब शेर पढ़ते, तब-तब मुख्यमंत्री मंद-मंद मुस्कुराते दिखे। बजट भाषण समाप्त करते हुए खन्ना ने दावा किया कि सरकार लक्ष्य को ध्यान में रखकर कार्य कर रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्री और राज्य मंत्रिपरिषद के सदस्यों समेत बजट से जुड़े सभी लोगों के प्रति आभार प्रकट करने से पहले यह शेर पढ़ा ”तुम सोच रहे हो बस, बादल की उड़ानों तक। मेरी तो निगाहें हैं, सूरज के ठिकानों तक।”
बजट भाषण समाप्त होने पर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने बताया कि इस सदन की दीर्घा में हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष हरविंदर कल्याण भी मौजूद हैं। राज्यपाल दीर्घा में मौजूद कल्याण ने सभी का अभिवादन किया।
बजट नहीं बड़ा ढोल, अंदर से खाली!
समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार द्वारा बृहस्पतिवार को विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिये प्रस्तुत बजट को ‘बड़ा ढोल’ करार देते हुए कहा कि इसमें आवाज तो बहुत है मगर यह अंदर से खाली है। उन्होंने बजट को समाज के तमाम वर्गों के लिए निराशाजनक करार देते हुए कहा, ”यह बजट नहीं बड़ा ढोल है, जिसमें आवाज तो बहुत है मगर यह अंदर से खाली है। यह खोखला है। इस बजट का झोला खाली है। जनता को लग रहा है कि बजट आया ही नहीं है। वह पूछ रही है कि प्रवचन तो आ गया लेकिन बजट कब आएगा?”
अखिलेश यादव ने कहा, ”बजट देखकर किसानों की उम्मीदों का खेत सूख गया है। बजट देखकर महिलाओं के माथे पर घर चलाने की चिंता की लकीरें और बढ़ गई हैं। बजट देखकर बेरोजगारों की आंखों के सामने अंधेरा छा गया है, व्यापारियों और दुकानदारों पर मंदी की मार और गहरा गई है।” यादव ने भाजपा विधायकों और मंत्रियों पर तंज करते हुए कहा, ”जो वहां (विधानसभा सदन में) मेजें पीट रहे थे, बजट देखकर भाजपा के उन मंत्रियों और विधायकों के गले सूख गए हैं क्योंकि अपने विभागों और विधानसभा क्षेत्रों में तो उन्हें ही महंगाई और बेरोजगारी के सवालों का सामना करना पड़ेगा। उन्हें गुस्से का भी सामना करना पड़ेगा क्योंकि अंततोगत्वा विधायकों और मंत्रियों को ही जनता का सामना करना पड़ता है। वह महंगाई का और बेरोजगारी का क्या जवाब देंगे?”
उन्होंने कहा, ”बजट देखकर बुनकरों का ताना-बाना रुक गया है और हथकरघे खामोश हो गए हैं। बजट देखकर जनता पूछ रही है कि जुमला मंत्रालय के लिए कितना बजट आवंटित किया गया है।” यादव ने किसी का नाम लिये बगैर कटाक्ष किया, ”हालांकि अंग्रेजी की एक कहावत है कि साइलेंस इज गोल्ड। जब हम संस्कृत में उससे मिलती-जुलती उक्ति बोलें तो उसका मतलब है कि विद्वानों की सभा में मूर्ख के लिए मौन ही आभूषण होता है…।”
योगी सरकार ने बजट में किसानों के लिए खोला खजाना
पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत प्रदेश के करीब 3 करोड़ किसानों को करीब 79,500 करोड़ रुपये देने का ऐलान किया गया है। 79,500 करोड़ रुपये डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के जरिए दिए जाएंगे। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2024-2025 में लगभग 10 लाख किसानों को 496 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति दी जाएगी। पीएम कुसुम योजना के तहत कुल 22,089 सोलर पंपों की स्थापना कराई जाएगी, जिससे किसानों को सिंचाई में मदद मिलेगी और ऊर्जा की बचत होगी।
बजट में की गई घोषणा के मुताबिक, अगर कोई किसान दुर्घटना का शिकार हो जाता है, तो उसे मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के तहत आर्थिक सहायता मिलेगी. यह योजना 14 सितंबर 2019 से लागू है। इसके साथ ही, गन्ना किसानों को समय पर भुगतान किया जाएगा। योगी सरकार ने साल 2017 से अब तक, करीब 46 लाख गन्ना किसानों को 2.73 लाख करोड़ रुपये का गन्ना मूल्य भुगतान कराया है। किसानों को गन्ना मूल्य भुगतान समय से सुनिश्चित कराने के लिए साल 2017 से एस्क्रो एकाउन्ट मैकेनिज्म शुरू किया गया है, जिसके फलस्वरूप चीनी मिलों में गन्ना मूल्य मद की धनराशि के व्यावर्तन पर पूर्ण अंकुश लगा है।
यह गन्ना मूल्य भुगतान इसके पूर्व के 22 वर्षों के सम्मिलित गन्ना मूल्य से 59,143 करोड़ रूपये अधिक है। औसत गन्ना उत्पादकता 72 टन प्रति हेक्टेयर से बढ़कर 85 टन प्रति हेक्टेयर बढ़ जाने से किसानों की आय में औसतन 370 रुपये प्रति कुंटल की दर से 43,364 रूपये प्रति हेक्टेयर की वृद्धि हुई। वित्त मंत्री ने कहा कि इसके लिये शोध संस्थानों के वैज्ञानिक, छात्र तथा हमारे परिश्रमी किसान भाई बधाई के पात्र है।
बजट में इन्फ्रास्ट्रक्चर पर खास जोर
सरकार ने इस बजट में इन्फ्रास्ट्रक्चर पर खास जोर दिया है। तमाम एक्सप्रेसवे के एक्सटेंशन के साथ ही बुंदेलखंड-रीवा एक्सप्रेसवे निर्माण की भी घोषणा की गई है। बुंदेलखंड-रीवा एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए 50 करोड़ रुपए प्रस्तावित किए गए हैं। इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से बुंदेलखंड के विकास को एक नई रफ्तार मिलेगी। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के रीवा तक विस्तार होने से लोगों के लिए तीर्थराज प्रयागराज जाना आसान हो जाएगा। चित्रकूट से प्रयागराज के बीच की जो यात्रा अभी तक थोड़ा मुश्किल था, वह बिल्कुल आसान हो जायेगी। अभी तक लगभग 600 किलोमीटर तक की दूरी तय करने में 7 घंटे लगते थे। अब यह दूरी 5.5 घंटे की हो जाएगी।
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के रीवा तक विस्तार होने से देश की आर्थिक राजधानी मुंबई तक भी जाना आसान हो जायेगा। इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से झांसी में बने डिफेंस कॉरिडोर को भी एक नई रफ्तार मिलेगी। निवेशक झांसी और बुंदेलखंड तक आसानी से आ पाएंगे। बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण के लिए भी नई संभावनाएं भी खुलेंगी। वित्त मंत्री ने सदन में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे से गंगा एक्सप्रेस-वे कौसिया, जनपद हरदोई वाया फर्रुखाबाद तक प्रवेश नियंत्रित ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे के निर्माण की भी घोषणा कर दी है। इसके लिए 900 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है. गंगा एक्सप्रेस-वे को प्रयागराज, मिर्जापुर, वाराणसी, चंदौली होते हुये सोनभद्र तक जोड़ा जाएगा। मेरठ को हरिद्वार से जोड़ने हेतु गंगा एक्सप्रेस-वे विस्तारीकरण एक्सप्रेस-वे का निर्माण भी प्रस्तावित है।
युवाओं के लिए कई घोषणाएं
वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में बताया कि इनोवेशन दिवस पर यूपी स्टार्टअप संवाद और एक्सपो का आयोजन किया जाएगा, जिसमें प्रथम तीन स्टार्टअप को 1,00,000, 75,000 और 50,000 तक के पुरस्कार दिए जाएंगे। कुशीनगर में कृषि विश्वविद्यालय के लिए 100 करोड़ की व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2017 से दिसम्बर 2024 तक आरक्षी एवं समकक्ष, उप निरीक्षक एवं समकक्ष तथा लिपिक संवर्ग आदि के विभिन्न पदों पर कुल 1,56,206 भर्तियां की गई। मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना के तहत वर्ष 2025-2026 में 800 लाभार्थियों को बैंक ऋण उपलब्ध कराया जायेगा, जिससे स्थापित होने वाले नये उद्यमों के माध्यम से 16,000 लोगों को रोजगार मिल सकेगा। युवा स्वरोजगार योजना के लिए 225 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। शिक्षा सेक्टर के लिए कुल 13% बजट आवंटित किया गया है, जिसमें स्कूलों में आईसीटी लैब, स्मार्ट क्लासेस, पॉलिटेक्निकों में डिजिटल लाइब्रेरी आदि बनाने की योजना है। मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान योजना के लिए 2025-2026 के बजट में 1000 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।
पर्यटन के क्षेत्र को लेकर भी की गई बड़ी घोषणाएं
पर्यटन के क्षेत्र को लेकर भी बड़ी घोषणाएं की गई हैं। वर्ष 2024 में जनवरी से दिसम्बर तक उत्तर प्रदेश में कुल 65 करोड़ से अधिक पर्यटक आये जिनमें विदेशी पर्यटकों की संख्या 14 लाख है। मुख्यमंत्री पर्यटन स्थलों का विकास योजना के लिये 400 करोड़ रुपये, अयोध्या क्षेत्र में पर्यटन अवस्थपना सुविधाओं के विकास के लिये 150 करोड़ रुपये, मथुरा में पर्यटन अवस्थापना सुविधाओं के विकास हेतु 125 करोड़ रुपये तथा नैमिषारण्य में पर्यटन अवस्थापना सुविधाओं के विकास हेतु 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। प्रदेश के प्रमुख राज्य/ राष्ट्रीय राजमार्ग पर पर्यटकों की सुविधा हेतु वे-साईड एमेनिटीज के निर्माण हेतु 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। चित्रकूट क्षेत्र में पर्यटन अवस्थापना सुविधाओं के विकास हेतु 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
मेडिकल कॉलेज में बढ़ी सीट
इसके अलावा वर्तमान में प्रदेश में राजकीय एवं निजी क्षेत्र के मेडिकल कालेजों/चिकित्सा संस्थानों/ विश्वविद्यालयों में एमबीबीएस की 11,800 सीटें और पीजी की 3971 सीटें उपलब्ध है। केन्द्र सरकार द्वारा वर्ष 2025-2026 में यूजी पीजी के कुल 10,000 सीटें जोड़े जाने की घोषणा की गई है, जिसमें से 1500 सीटें उत्तर प्रदेश को प्राप्त होंगी। इसके लिए लगभग 2066 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित की गयी है। वर्ष 2017 में सरकारी मेडिकल कॉलेजों में सुपर स्पेशियलिटी की कुल सीटों की संख्या 120 थी। शैक्षणिक सत्र 2024-2025 में सीटों की संख्या को बढ़ाकर 250 किया गया। जनपद बलिया और बलरामपुर में स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना के लिए क्रमशः 27 करोड़ रुपये और 25 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।