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Monday, September 16, 2024

अमेरिका के वॉशिंगटन में आगामी राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का जश्न मनाया गया।

अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन को लेकर भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के हिंदुओं में उत्साह है। रविवार को अमेरिका के वॉशिंगटन में आगामी राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का जश्न मनाया गया। वॉशिंगटन के हिंदू रहवासियों ने अयोध्या-वे स्ट्रीट में स्थित श्री अंजनेय मंदिर में एक कार और बाइक रैली का आयोजन किया। रैली के दौरान कारों और बाइकों से भगवा ध्वज फहराए गए।

बता दें, अमेरिका में रहने वाले हिंदू नागरिक राम मंदिर के उद्घाटन का जश्न मनाने के लिए घरों में पांच दीये जलाने की योजना बना रहे हैं। अमेरिका में मंदिर की खुशी में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। अलग-अलग शहरों में कार रैलियां निकाली जाएंगी। राममंदिर के उद्घाटन की लाइव स्क्रीनिंग की जाएगी। सामुदायिक सभाएं और वॉच पार्टियां भी आयोजित होंगी।

विश्व हिंदू परिषद ऑफ अमेरिका (वीएचपीए) अधिकारी अमिताभ मित्तल ने कहना है कि अयोध्या में दशकों बाद राम मंदिर का उद्घाटन हो रहा है। इसलिए हम अमेरिका में भी इस ऐतिहासिक दिन का जश्न मनाएंगे। समारोह में एक हजार से अधिक मंदिरों और व्यक्तियों की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। लोगों की सुविधा के लिए वेबसाइट भी लॉन्च की गई है। भारतीय तो अद्भुत दिन का लाभ ले सकते हैं, चूंकि वे करीब हैं। लेकिन हम बहुत दूर हैं, इसलिए ऐतिहासिक दिन का हिस्सा बनने के लिए हम अमेरिका में भी कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं। समारोह का सीधा प्रसारण किया जाएगा। हमने अमेरिका में रहने वाले हिंदूओं से आह्वान किया है कि वे प्राण प्रतिष्ठा समारोह का जश्न मनाने के लिए घर में कम से कम पांच दीये जलाएं। अमेरिका के लोगों में तो राम मंदिर के लिए काफी उत्साह है। हिंदू समुदाय बड़ी संख्या में अयोध्या जाना चाहता है।

अमेरिका में रहने वाले हिंदू समुदाय के डॉ. भरत बराई ने कहा कि हम सभी के लिए यह सपने के सच होने के जैसा है। हमने कभी नहीं सोचा था कि हम कभी भी यह दिन देख सकते हैं। अब तो जश्न मनाने का समय है। राम मंदिर के लिए अनगिनत लोगों ने संघर्ष किया है। हमारा मन है कि हम जल्द अयोध्या जाएं।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, राम मंदिर के उद्घाटन के बाद भी राम भक्तों को भगवान राम की प्रतिमा को छूने का अवसर नहीं मिल पाएगा। भक्तों को गर्भगृह में भी जाने की अनुमति नहीं होगी। लोग लगभग 35 फीट की दूरी से ही भगवान के दर्शन करेंगे। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सूत्रों की मानें तो, यह व्यवस्था गर्भगृह की पवित्रता को बनाए रखने के लिए की गई है। साथ ही हिंदू धार्मिक मान्यता के अनुसार मंदिर के गर्भगृह में केवल राजा और मंदिर के पुजारी को ही जाने का अधिकार होता है। इस पारंपरिक व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए गर्भगृह में केवल प्रधानमंत्री और पुजारी को ही प्रवेश मिलना तय किया गया है। लगभग 35 फीट की दूरी से दर्शन करने के कारण मंदिर की पवित्रता के साथ-साथ भीड़ को नियंत्रण में रखने में सहायता मिलेगी। प्रतिमा को ऊंचे स्थान पर रखा जाएगा जिससे दूर से भी लोगों को भगवान राम के बेहतर दर्शन हो सकें।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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