नियमों में बदलाव होते ही राज्यों में तेजी से कम हुई कोरोना जांच पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने नाराजगी जताई है। मंत्रालय ने एक दिन पहले ही राज्य और संघ शासित प्रदेशों को पत्र भी जारी किया है। स्वास्थ्य मंत्रालय की अपर सचिव आरती आहूजा ने कहा, राज्यों से जांच कम करने के लिए नहीं कहा गया था बल्कि उन्हें जांच के लिए प्राथमिकता तय करने के लिए कहा गया। सलाह दी गई थी कि वे जरूरतमंद रोगी को प्राथमिकता दें। इसका असर यह होगा कि रोगी निगरानी से बाहर भी नहीं जा सकेगा और समय रहते संक्रमण की पहचान व उपचार भी उसे मिल सकेगा।
अपर सचिव के अनुसार मंत्रालय को हैरानी तब हुई जब 10 जनवरी को जारी संशोधित दिशा निर्देश का असर 14 जनवरी से दिखाई देने लगा। तीन दिन बाद ही आईसीएमआर के पोर्टल पर एक के बाद एक राज्य से जांच के आंकड़े कम होते दिखाई देने लगे। गंभीर बात यह है कि जांच में कटौती उस वक्त हो रही है जब संक्रमण ने देश के 355 जिलों को गंभीर श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया है।