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Friday, September 27, 2024

देश की अर्थव्यवस्था के धीरे-धीरे सामान्य स्थिति की ओर लौटने से बेरोजगारी की दर 7.6 फीसदी पर पहुंची

कोरोना के कमजोर होने और देश की अर्थव्यवस्था के धीरे-धीरे सामान्य स्थिति की ओर लौटने से बेरोजगारी की दर घट रही है। मार्च में यह दर 7.6 फीसदी रह गई, जो कि फरवरी में 8.10 फीसदी थी।

सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के आंकड़ों से पता चलता है कि शहरों में बेरोजगारी की दर 8.5 फीसदी और गांवों में 7.1 फीसदी रही। भारतीय सांख्यिकीय संस्थान के अर्थशास्त्र के सेवानिवृत्त प्रोफेसर अभिरूप सरकार ने बताया कि भारत जैसे देश के नजरिये से यह काफी ऊंची दर है।

हरियाणा शीर्ष पर : देश में हरियाणा में बेरोजगारी की दर से सबसे अधिक रही जो 26.7 फीसदी थी। राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में बेरोजगारी की दर 25-25 फीसदी जबकि बिहार में यह 14.4 और त्रिपुरा में 14.1 फीसदी रही। पश्चिम बंगाल में 5.6 फीसदी रही। गुजरात और कर्नाटक में सबसे कम 1.8-1.8 फीसदी बेरोजगारी दर थी।

बेरोजगारी की दरों में गिरावट से यह संकेत मिलता है कि कोरोना के बाद अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट रही है। गांवों में बेरोजगारी का स्तर है वह हम नहीं झेल सकते, इसलिए उनको खाने कमाने के लिए जो भी काम मिलता है, वे तैयार हो जाते हैं।

वित्तवर्ष 2021-22 में भारत के उत्पादों का कुल निर्यात 418 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर को पार कर गया। मार्च, 2022 में देश ने 40 अरब डॉलर का निर्यात किया जो एक महीने का सर्वोच्च स्तर है। इसके पहले मार्च, 2021 में यह आंकड़ा 34 अरब डॉलर का था। इसमें सबसे अधिक योगदान करने वालों में पेट्रोलियम उत्पाद, इंजीनियरिंग वस्तुएं, रत्न एवं आभूषण और रसायन क्षेत्र का समावेश था। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने रविवार को इन आंकड़ों को जारी किया।

गोयल ने बताया कि वित्तवर्ष 2020-21 में 292 अरब डॉलर का निर्यात किया गया था जिसकी तुलना में 2021-22 का निर्यात 43 फीसदी ज्यादा है। हाल में समाप्त हुए वित्तवर्ष में भारत का निर्यात ज्यादा रहने का एक बड़ा कारण कई क्षेत्रों का बेहतर प्रदर्शन रहा है। भारत ने सबसे ज्यादा अमेरिका को निर्यात किया। उसके बाद यूएई, चीन, बांग्लादेश और नीदरलैंड का स्थान रहा।

फरवरी के अंत में यूक्रेन और रूस के युद्ध के कारण वित्तवर्ष 2022-23 में निर्यात के मोर्चे पर असर पड़ने की आशंका है। साथ ही कच्चे तेल की ऊंची कीमतों के कारण आयात बिल भी काफी ज्यादा होने से अर्थव्यवस्था को झटका लग सकता है।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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