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Wednesday, March 12, 2025

चाइनीज मांझे पर निषेधाज्ञा लागू: बनारस में चाइनीज मांझे से पतंग उड़ाने पर प्रतिबंध, उल्लंघन पर होगी कानूनी कार्रवाई!

वाराणसी, 30 दिसंबर 2024, सोमवार। बनारस में पतंग उड़ाने की परंपरा काफी पुरानी है, लेकिन चाइनीज मांझे के कारण यह खतरनाक भी हो गई है। चाइनीज मांझे के कारण कई लोग घायल हो रहे हैं और कई की जान भी जा रही है। इस समस्या को देखते हुए वाराणसी के अपर पुलिस आयुक्त एस चिनप्पा ने चाइनीज मांझे पर धारा निषेधाज्ञा लगा दी है। अब कोई व्यक्ति चाइनीज मांझे के साथ पकड़ा गया तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी। इसके अलावा, पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वह चाइनीज मांझे का उपयोग न करें।
दूसरी ओर, वाराणसी में कैंट रेलवे स्टेशन से गोदौलिया तक रोप-वे का निर्माण चल रहा है, जिसे चाइनीज मांझा से खतरा है। निर्माण कार्य में लगी एजेंसी के अनुसार, केबल में चाइनीज मांझे से संचालन प्रभावित हो सकता है। इस समस्या को दूर करने के लिए प्रशासन और पुलिस को मिलकर काम करना होगा। लोगों को भी जागरूक होना होगा और चाइनीज मांझे का उपयोग नहीं करना होगा। बता दें, चाइनीज मांझे के खतरे को देखते हुए वाराणसी के लोगों को सावधान रहने की जरूरत है। पतंग उड़ाने के शौकीन लोगों को चाइनीज मांझे का उपयोग नहीं करना चाहिए और इसके बजाय सुरक्षित और पर्यावरण अनुकूल पतंग उड़ाने के तरीकों का उपयोग करना चाहिए।
चाइनीज मांझे का अवैध कारोबार: प्रशासन की नाक के नीचे धड़ल्ले से बिक रहा!
वाराणसी में चाइनीज मांझे की बिक्री पर प्रतिबंध के बावजूद, यह अवैध कारोबार धड़ल्ले से जारी है। दालमंडी से लेकर शहर के विभिन्न इलाकों में चाइनीज मांझा आसानी से उपलब्ध है। सूत्रों की माने तो काशी के बाजारों में 10 करोड़ से अधिक मूल्य का चाइनीज मांझा बिक्री के लिए गोदामों में डंप हो चुका है। चाइनीज मांझा की अवैध बिक्री के लिए दालमंडी के औरंगाबाद, लोहता, शिवपुर, चेतगंज, हरतीरथ, आदमपुर समेत अन्य इलाकों में यह मांझा थोक से लेकर फुटकर तक उपलब्ध है। एक किलो चाइनीज मांझा की कीमत इस समय बाजार में आठ से नौ सौ रुपए किलो तक बिक रहा है।
भारत सरकार द्वारा चाइनीज मांझे पर प्रतिबंध लगाने के बावजूद, वाराणसी जिला प्रशासन और पुलिस की ओर से समय-समय पर निषेधाज्ञा जारी की जाती रही है। इसके अलावा, पुलिस प्रशासन की छापेमारी में कई क्विंटल चाइनीज मांझा बरामद हो चुका है, लेकिन कठोर कार्रवाई नहीं होने से आज भी बनारस की गलियों से लेकर चौक चौराहे तक चाइनीज मांझा धड़ल्ले से बिक रहा है।
वाराणसी में चाइनीज मांझे का कहर: मासूम समेत कई जानें गईं, परिवारों को मिला दर्द और पीड़ा!
वाराणसी में चाइनीज मांझे का आतंक बढ़ता जा रहा है। इस खतरनाक मांझे ने कई जानें ली हैं, जिनमें एक मासूम बच्ची भी शामिल है। 29 अगस्त 2020 को नदेसर निवासी संदीप अपनी सात साल की बेटी कृतिका के साथ दवा लेकर स्कूटी से घर जाने को निकले थे। पांडेयपुर फ्लाईओवर पर चढ़ते ही स्कूटी में आगे खड़ी कृतिका का गले में चाइनीज मांझा फंस गया। कृतिका का गला कट गया और संदीप की अंगुली कट गई। लहुलुहान बेटी को लेकर संदीप अस्पताल भागे, लेकिन उसे बचा नहीं सके।
इसी तरह, 05 जून 2021 को चौकाघाट फ्लाईओवर पर चीनी मांझे से भदोही जिला निवासी बाइक सवार मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव आकाश शुक्ला 30 वर्ष का गला कट गया था। उपचार के दौरान युवक ने अत्यधिक खून बहने के कारण दम तोड़ दिया था। वर्ष 2018 में चाइनीज मांझे के कारण दो लोगों ने दम तोड़ दिया था। मकर संक्रांति से एक सप्ताह पूर्व 8 जनवरी 2018 को बिजली विभाग के रिटायर्ड एसडीओ ओवेस अंसारी का गला चाइनीज मांझे से कट गया। किसी तरह उनकी जान बची लेकिन वह इस हादसे से इतना सहम गए कि एक सप्ताह बाद उन्हें दिल का दौरा पड़ा और उनकी मौत हो गई। इसी साल 28 सितंबर को सिगरा थाना क्षेत्र निवासी मुन्ना विल्सन की भी चाइनीज मांझा से गला कटने के कारण मौत हो गई थी। वह बाइक से चौकाघाट से जा रहे थे कि गले में मांझा फंस गए। अस्पताल पहुंचने से पहले ही अधिक खून बहने के कारण उनकी सांस थम गई।
इन घटनाओं से यह स्पष्ट होता है कि चाइनीज मांझा एक बड़ा खतरा है और इसके कारण कई जानें जा चुकी हैं। इस खतरनाक मांझे को रोकने के लिए प्रशासन और पुलिस को मिलकर काम करना होगा। लोगों को भी जागरूक होना होगा और चाइनीज मांझे का उपयोग नहीं करना होगा।
चीन का जानलेवा मांझा: क्यों है इतना खतरनाक?
भारत में पतंग उड़ाने की परंपरा काफी पुरानी है, लेकिन चीन से आयातित मांझे ने इस परंपरा को खतरनाक बना दिया है। चीन में तैयार किया जाने वाला यह मांझा नायलान और मेटेलिक पाउडर से बनाया जाता है, जिसमें कांच और लोहे के चूरे को भी मिलाया जाता है। इस मांझे की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह नायलान के धागे से बनाया जाता है, जो कि बहुत मजबूत होता है। जब पेच लड़ता है तो खिंचाव के कारण यह मांझा कटता नहीं है, जिससे यह और भी खतरनाक हो जाता है। चीन के मांझे में कांच और लोहे का चूर्ण मिलाया जाता है, जो कि गला रेतने के लिए काफी है। यह मांझा इतना खतरनाक है कि यह एक पल में किसी की जान ले सकता है। भारत में पतंग उड़ाने के लिए धागे से बनाया जाने वाला मांझा बहुत कम खतरनाक होता है, लेकिन चीन का मांझा इसके मुकाबले बहुत ज्यादा खतरनाक है। यही कारण है कि चीन के मांझे को भारत में प्रतिबंधित किया गया है, लेकिन इसके बावजूद यह मांझा अवैध रूप से बिक्री के लिए उपलब्ध है।

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