नई दिल्ली, 7 जुलाई 2025: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक बार फिर अपने बेबाक अंदाज में दुनिया और भारत के हालात पर तीखी टिप्पणी की है। उन्होंने चेतावनी दी कि वैश्विक स्तर पर बढ़ती तानाशाही और घटता आपसी तालमेल दुनिया को तीसरे विश्व युद्ध की कगार पर ले जा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने भारत में बढ़ती आर्थिक असमानता पर भी गहरी चिंता जताई, जहां दौलत कुछ मुट्ठीभर लोगों के हाथों में सिमटती जा रही है।
महाशक्तियों की तानाशाही से खतरा
एक किताब के विमोचन समारोह में गडकरी ने कहा, “दुनिया में प्रेम, शांति और सौहार्द खत्म हो रहा है। कुछ महाशक्तियों की तानाशाही के चलते हालात ऐसे बन गए हैं कि तीसरा विश्व युद्ध कभी भी शुरू हो सकता है।” उन्होंने भारत को भगवान बुद्ध की अहिंसा और शांति की भूमि बताते हुए विश्व नेताओं से भविष्य की नीतियों पर गंभीर चिंतन की अपील की।
युद्ध के हथियार बदल गए, बस्तियां तबाह
गडकरी ने आधुनिक युद्धों की तकनीकी प्रगति पर चिंता जताते हुए कहा कि अब टैंक और लड़ाकू विमानों का दौर गया। मिसाइलें और ड्रोन जैसे हथियारों ने युद्ध का चेहरा बदल दिया है। “दुख की बात है कि अब मिसाइलें बस्तियों पर गिर रही हैं, जिससे मानवता को बचाना मुश्किल हो रहा है,” उन्होंने कहा।
भारत में गहराती आर्थिक खाई
देश के हालात पर बोलते हुए गडकरी ने आर्थिक असमानता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “भारत में गरीबों की संख्या कम हो रही है, लेकिन दौलत चंद लोगों के पास सिमट रही है। समृद्धि का विकेंद्रीकरण जरूरी है।” खेती, उद्योग, टैक्स सिस्टम और सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) जैसे क्षेत्रों में सुधार की वकालत करते हुए उन्होंने जोर दिया, “खाली पेट वाले को दर्शन नहीं सिखाया जा सकता।”
वैश्विक चर्चा की जरूरत
गडकरी ने चेताया कि महाशक्तियों की तानाशाही और वर्चस्व की होड़ दुनिया को विनाश की ओर धकेल रही है। उन्होंने विश्व समुदाय से इन मुद्दों पर खुली चर्चा और तत्काल कदम उठाने की मांग की। उनके इस बयान ने न केवल वैश्विक मंच पर हलचल मचाई है, बल्कि भारत में आर्थिक सुधारों की दिशा में भी सवाल खड़े किए हैं।