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Thursday, February 6, 2025

इतिहास की पन्नों से निकलकर सामने आई ‘पाटलिपुत्र की सम्राज्ञी’ की कहानी!

नई दिल्ली, 1 दिसंबर 2024, रविवार। देश के जाने माने ऐतिहासिक उपन्यासकार स्व. शरद पगारे के मशहूर उपन्यास ‘पाटलिपुत्र की सम्राज्ञी’ का नाट्यमन्चन नईदिल्ली में होने जा रहा है। यह नाट्यमन्चन दिल्ली के क्षितिज थिएटर ग्रुप द्वारा किया जाएगा।
उपन्यास ‘पाटलिपुत्र की सम्राज्ञी’ को ज्ञानपीठ के बाद साहित्य के सबसे बड़े पुरस्कार माने जाने वाले प्रतिष्ठित ‘व्यास सम्मान’ से विभूषित किया गया था। इसके अलावा, उक्त उपन्यास को मध्यप्रदेश साहित्य परिषद का भी पुरस्कार मिला है।
स्व. शरद पगारे व्यास समान प्राप्त करने वाले मध्यप्रदेश के पहले साहित्यकार थे। उनके सुपुत्र डॉ. सुशीम पगारे ने बताया कि क्षितिज थिएटर ग्रुप रंग कर्म को समर्पित दिल्ली की महत्वपूर्ण संस्था है।
उपन्यास ‘पाटलिपुत्र की सम्राज्ञी’ का कथानक मौर्य युगीन है। स्व शरद पगारे ने इतिहास की एक अल्प ज्ञात नारी सम्राट अशोक की माँ धर्मा को केंद्र में रख कर उपन्यास का ताना बाना बुना है।
धर्मा ने अपने पुत्र अशोक को सम्राट बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निबाही और इसके लिए वह चाणक्य से टकराने में भी पीछे नहीं हटी। इतिहास के अंधेरे में खोई हुई एक नारी को सामने लाने के परिणाम स्वरूप ही उक्त उपन्यास को व्यास सम्मान प्रदान किया गया था।
नाटक की स्क्रिप्ट राइटर और निर्देशक भारती शर्मा, नईदिल्ली की जानी मानी रंगकर्मी और अभिनेत्री हैं। उन्होंने कहा कि शरद पगारे जी हमारे समय के महत्वपूर्ण साहित्यकार रहे हैं। उनके लोकप्रिय उपन्यास ‘पाटलिपुत्र की सम्राज्ञी’ का नाट्यमन्चन उन्हें हमारी ट्रिब्यूट है।

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