वाराणसी, 18 जून 2025, बुधवार: वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई की 167वीं पुण्यतिथि बुधवार को उनके जन्मस्थली भदैनी, वाराणसी में श्रद्धापूर्वक मनाई गई। जागृति फाउंडेशन के तत्वाधान में आयोजित दो दिवसीय समारोह के दूसरे दिन का शुभारंभ संकट मोचन मंदिर के महंत एवं बीएचयू आईआईटी के प्रोफेसर विश्वंभर नाथ मिश्र, साहित्यकार डॉ. जयप्रकाश मिश्र, समाजसेवी नागेश सिंह, रामेश्वर मठ के प्रबंधक डॉ. वरुणेश चंद्र दीक्षित, स्वामीनारायण नन्द तीर्थ वेद विद्यालय के प्राचार्य जयंत पति त्रिपाठी, काशी हिंदू विश्वविद्यालय के बॉटनी विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. एन.के. दुबे, उमा शंकर गुप्ता और रामयश मिश्र ने संयुक्त रूप से वीरांगना के चित्र पर माल्यार्पण कर किया।
इस अवसर पर प्रो. विश्वंभर नाथ मिश्र ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेजों के दांत खट्टे करने वाली झांसी की रानी लक्ष्मीबाई काशी की बेटी थीं। उन्होंने कहा, “काशी की माटी ने ही उन्हें स्वतंत्र रहना सिखाया। काशी का संस्कार ही था, जिसके कारण वह हर लड़ाई जीतीं और महिला सशक्तिकरण की दिशा में अमूल्य योगदान दिया। उन्होंने यह संदेश दिया कि महिलाएं किसी से कम नहीं; वे चाहें तो देश और समाज को बदल सकती हैं।” उन्होंने वीरांगना को सादर नमन करते हुए कहा कि काशी की बेटी ने आजादी की लड़ाई में जो कार्य किया, वह सिद्ध करता है कि वे एक सशक्त और न झुकने वाली महिला थीं।
साहित्यकार डॉ. जयप्रकाश मिश्र ने कविताओं के माध्यम से वीरांगना को श्रद्धांजलि अर्पित की। समाजसेवी नागेश सिंह ने कहा, “हमें गर्व है कि ऐसी वीरांगना ने काशी की धरती पर जन्म लिया और देश की आजादी के लिए अपने प्राण न्योछावर किए। उन्हें शत-शत नमन।” डॉ. वरुणेश चंद्र दीक्षित ने सभी से महारानी के जीवन से प्रेरणा लेकर देश के विकास में योगदान देने का आह्वान किया।
कार्यक्रम संयोजक एवं जागृति फाउंडेशन के महासचिव रामयश मिश्र ने केंद्र और राज्य सरकार से मांग की कि महारानी के नाम पर ‘वीरांगना एक्सप्रेस’ ट्रेन चलाई जाए, जो काशी से उनकी शहादत स्थली ग्वालियर तक जाए। समाजसेवी सी.पी. जैन ने सुझाव दिया कि भदैनी स्थित जन्मस्थली को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कर इसका प्रचार-प्रसार किया जाए, ताकि लोग यहां आकर प्रेरणा लें।
कार्यक्रम में शिवाजी नगर कॉलोनी रमना, लंका स्थित स्वामीनारायण नन्द तीर्थ वेद विद्यालय, अस्सी, रामेश्वर मठ के स्वामीनारायण तीर्थ संस्कृत उच्चतर विद्यालय के दर्जनों बटुकों सहित विश्वनाथ यादव, हरीनाथ गौड़, हृदय नारायण मिश्र, बद्री पंडित, विनोद कुमार पांडे, राजेश दीक्षित, स्वर्ण प्रताप चतुर्वेदी, ज्ञानेंद्र पांडे, ज्ञानू पांडे व अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन रामयश मिश्र ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन सी.पी. जैन ने किया।