अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर उत्तराखंड की संस्कृति और प्राकृतिक सौंदर्य की थपकी
भराड़ीसैंण, 21 जून 2025: अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी भराड़ीसैंण, गैरसैंण में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे 8 देशों के राजदूत, उच्चायुक्त और प्रतिनिधियों का भव्य स्वागत हुआ। शुक्रवार दोपहर विधानसभा परिसर में पहुंचे विदेशी मेहमान गैरसैंण की प्राकृतिक सुंदरता, हरी-भरी वादियों और स्वच्छ वातावरण को देख अभिभूत हो उठे। मेहमानों ने इस क्षेत्र को “अद्भुत और हर रूप से समृद्ध” बताते हुए इसकी जमकर सराहना की।
छोलिया नृत्य और पारंपरिक वाद्यों से गूंजा स्वागत
विदेशी मेहमानों के आगमन पर उत्तराखंड की समृद्ध लोक संस्कृति की झलक पेश की गई। पारंपरिक छोलिया नृत्य और स्थानीय वाद्य यंत्रों की मधुर धुनों के साथ मेहमानों का स्वागत किया गया। इस सांस्कृतिक प्रस्तुति ने विदेशी प्रतिनिधियों का मन मोह लिया। मेहमानों ने उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत की प्रशंसा करते हुए इसे अविस्मरणीय बताया।
कैमरों में कैद हुए गैरसैंण के मनोरम दृश्य
भराड़ीसैंण पहुंचते ही विदेशी मेहमानों ने प्राकृतिक सौंदर्य को अपने कैमरों में कैद करना शुरू कर दिया। हरे-भरे पहाड़ों और शांत वातावरण को देख वे उत्साहित नजर आए। कई मेहमानों ने छोलिया नृत्य करने वाले कलाकारों के साथ तस्वीरें खिंचवाईं और इस पल को यादगार बनाया।
ये मेहमान रहे मौजूद
कार्यक्रम में मैक्सिको के राजदूत फेडेरिको सालास, मेक्सिको दूतावास के आर्थिक मामलों के प्रमुख रिकार्डो डेनियल डेलगाडो, फिजी के हाई कमिश्नर जगन्नाथ सामी, नेपाल के राजदूत डॉ. शंकर प्रसाद शर्मा, सूरिनाम के राजदूत अरुणकोमर हार्डियन, मंगोलिया के राजदूत डंबाजाविन गैंबोल्ड, लातविया दूतावास के डिप्टी हेड ऑफ मिशन मार्क्स डीतॉन्स, श्रीलंका उच्चायोग के मिनिस्टर काउंसलर लक्ष्मेंद्र गेशन डिसनायके, रूसी दूतावास की प्रथम सचिव क्रिस्टिना अनानीना, तृतीय सचिव कैटरीना लज़ारेवा और योग गुरु पद्मश्री स्वामी भारत भूषण शामिल थे। गैरसैंण की प्राकृतिक और सांस्कृतिक छटा ने विदेशी मेहमानों के दिलों में खास जगह बनाई, जो उत्तराखंड की वैश्विक पहचान को और मजबूत करने का संकेत है।