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Friday, August 1, 2025

भारत जोड़ो यात्रा में कांग्रेस की सोशल इंजीनियरिंग साफ नजर आई

भारत जोड़ो यात्रा में कांग्रेस की सोशल इंजीनियरिंग साफ नजर आई। राहुल गांधी भी यात्रा में कुमारी सैलजा और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ एक संतुलन में नजर आए। वहीं, अंबाला में चंद्रमोहन की एंट्री ने सभी को हैरान कर दिया, मगर कांग्रेस के लिए यह फायदे का सौदा दिख रहा है। कुछ इसी प्रकार की सोशल इंजीनियरिंग यात्रा में दिखाई दी।

दरअसल हरियाणा में कांग्रेस के दो गुट पिछले लंबे समय से दिखाई देते रहे हैं। अंबाला में पोस्टरों और बैनरों में इन गुटों को साफ देखा जा सकता था। मगर यात्रा में राहुल गांधी इन सबसे हटकर एकजुटता का संदेश देते नजर आए। उनकी यात्रा में संगठन को ऊपर रखा गया। वे कुमारी सैलजा को अहमियत देते नजर आए तो हुड्डा समर्थकों को तरजीह दी।

इस इंजीनियरिंग ने भाजपा का गढ़ माने जाने वाले अंबाला के कांग्रेसियों में फिर से जान फूंकने का काम किया। मंगलवार को सड़कों पर ऐसे-ऐसे कांग्रेसी दिखाई दिए जो कभी पार्टी की बैठकों में भी नहीं आते थे। अब यह उत्साह भाजपा का किला भेदने मे कांग्रेस के लिए फायदेमंद होगा या नहीं यह तो समय ही बताएगा मगर कार्यकर्ताओं को को नई रोशनी जरूर नजर आ रही है।ये तीन उदाहरण और यात्रा के राजनीतिक मायनेसैलजा के लिए पहली बार राहुल ने तोड़ा प्रोटोकॉलभले ही कुमारी सैलजा प्रदेश अध्यक्ष के पद पर न हों, मगर भारत जोड़ो यात्रा में उनकी अहमियत साफ देखी जा सकती है। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता बताते हैं कि राहुल गांधी एक बार मंच पर बोल लें तो उनके बाद कांग्रेस अध्यक्ष भी नहीं बोलते। यह कांग्रेस का प्रोटाकॉल है। मगर मोहड़ा सभा में राहुल गांधी ने अपने बाद कुमारी सैलजा को बोलने के लिए कहा। सैलजा ने प्रोटोकॉल का हवाला देते हुए मना कर दिया। मगर राहुल के जोर देने पर कुमारी सैलजा ने सिर्फ लोगों धन्यवाद दिया। उन्होंने एक भी राजनीतिक बात नहीं की। यात्रा में कुमारी सैलजा राहुल गांधी से कदम ताल करती दिखी तो भूपेंद्र ुहुड्डा और दीपेंद्र हुड्डा भी नजर आए।

हुड्डा और सैलजा समर्थकों का शक्ति प्रदर्शनअंबाला को कुमारी सैलजा का गढ़ माना जाता है। यहां भारत जोड़ो यात्रा के मार्ग पर लगे पोस्टरों से साफ देखा गया कि किस प्रकार का शक्ति प्रदर्शन चल रहा है। एक तरफ जहां हुड्डा समर्थकों ने अपने बड़े-बड़े पोस्टर थे और स्वागत के लिए मंच बनाया था तो वहीं सैलजा समर्थक भी किसी से पीछे नहीं थे। कई स्थानों पर सैलजा समर्थकों के पोस्टरों में भूपेंद्र हुड्डा नहीं थे तो हुड्डा समर्थकों के पोस्टरों से सैलजा गायब थीं। मगर यात्रा में चल रहे राहुल गांधी दोनों गुटों को साधते नजर आए। मोहड़ा गांव में नुक्कड़ सभा के दौरान कुमारी सैलजा को दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपनी कुर्सी दी। इसके बाद कुमारी सैलजा ने भूपेंद्र हुड्डा से भी गुफ्तगू भी की।पोस्टरों में नजर आए चंद्रमोहनपूर्व डिप्टी सीएम और भाजपा में गए कुलदीप बिश्नोई के भाई चंद्रमोहन भले ही भारत जोड़ो यात्रा में खुद न दिखे हों। मगर उनके पोस्टर जरूर अंबाला पंजाब के बार्डर तक दिखाई दिए। हालांकि पोस्टर उनके समर्थकों द्वारा लगाए गए थे। मगर अंबाला में चंद्रमोहन की एंट्री से राजनीतिक गलियारों में काफी चर्चा हो रही, क्योंकि इससे पहले चंद्रमोहन की अंबाला में राजनीतिक हस्तक्षेप दिखाई नहीं दी है।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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