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Friday, May 9, 2025

दिल्ली की जनता देती रही है एकतरफा समर्थन,नौ चुनावों में एक ही पार्टी, सभी सीट जीतने में कामयाब रही

देश में अब तक हुए 17 लोकसभा चुनावों के दौरान दिल्ली के मतदाताओं ने बंटने के बजाय ने एक ही पार्टी की ओर झुकाव दिखाया है। इस कारण नौ चुनावों में कोई एक पार्टी सभी सीट जीतने में कामयाब रही। इन चुनावों में मुख्य विपक्षी पार्टी पूरी तरह खाली रही,जबकि पांच बार नंबर दो पर रही पार्टी महज एक-एक सीट ही जीत सकी। इसके अलावा तीन मौकों पर 5-2 का स्कोर रहा। इस दौरान मतदाताओं ने कभी कांग्रेस में विश्वास जताया, तो कभी भारतीय जनसंघ, भारतीय लोकदल एवं भाजपा के माथे जीत का सेहरा बांधा।

दिल्ली की जनता ने वर्ष 1957 से एक पार्टी को सभी सीटें जिताने का सिलसिला शुरू किया था। बीते तीन चुनावों से दिल्ली की जनता एक ही पार्टी के पक्ष में मतदान कर रही है। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ है। इससे पहले केवल दो बार लगातार दो चुनावों में एक ही पार्टी सभी सीटें जीती थीं। उधर, वर्ष 2009 में सभी सीटें जीतने वाली कांग्रेस को पांच साल बाद वर्ष 2014 में सभी सातों सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था। इस तरह का वाक्या कांग्रेस के साथ पहले वर्ष 1977 में भी हुआ था। वह वर्ष 1971 में सभी सीटें जीती थी, मगर 1977 में सभी सीटाें पर हार गई थी।

1977 में कांग्रेस सभी सीटें हर गई थी
वर्ष 1957 में कांग्रेस ने सभी सीटों पर जीत हासिल की थी। इसके बाद कांग्रेस ने वर्ष 1962 में एक बार फिर से सभी सीटों पर जीत दर्ज की। कांग्रेस वर्ष 1971, 1984 व 2009 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान भी विपक्षी दलों का सफाया कर सभी सातों सीटों पर जीती थी। उधर, तीन बार सभी सीटें जीतने वाली कांग्रेस को वर्ष 1977 में पहली बार सभी सीटों पर हार सामना करना पड़ा था। भारतीय लोकदल ने जनता लहर के दौरान वर्ष 1977 में सभी सीटों पर जीत दर्ज की थी। इसी तरह वर्ष 1999, 2014 व 2019 में एक बार फिर कांग्रेस का सफाया हुआ। इन तीनों चुनाव में भाजपा ने सातों सीटों पर जीत हासिल की थी। उसने पिछले दोनों चुनाव में सभी सीटें जीती है।

वर्ष 1952 में चार में से तीन सांसद कांग्रेस के चुने गए। वहीं, 1980 एवं 2004 में कांग्रेस ने छह-छह सीटें जीती थी। भारतीय जनसंघ एवं भाजपा भी कांग्रेस की तरह दो बार सभी सीटों पर जीत हासिल करने से वंचित रह चुकी हैं। भाजसं ने वर्ष 1967 में छह सीटों पर जीत हासिल करके कांग्रेस के पैरों तले की जमीन निकाल दी थी, क्योंकि कांग्रेस को पहली बार इतनी बड़ी हार का सामना करना पड़ा था। वहीं भाजपा ने वर्ष 1998 में छह सीटें जीती थी। इसके अलावा भाजपा तीन अन्य चुनाव में भी सभी सीटें जीतने के करीब-करीब पहुंची थी। वर्ष 1989 में भाजपा ने जनता दल के मिलकर लड़े चुनाव में पांच सीटों पर जीत हासिल की थी। वर्ष 1991 एवं 1996 में भाजपा अपने दम पर ही पांच-पांच सीटें जीतने में कामयाब रही थी।

लोकसभा चुनाव में कब-कब हुआ क्लीन स्वीप
           वर्ष/ दल/ स्कोर

  • 1957 कांग्रेस 5-0
  • 1962 कांग्रेस 5-0
  • 1971 कांग्रेस 7-0
  • 1977 भालोद 7-0
  • 1984 कांग्रेस 7-0
  • 1999 भाजपा 7-0
  • 2009 कांग्रेस 7-0
  • 2014 भाजपा 7-0
  • 2019 भाजपा 7-0
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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