✍️ विकास यादव
वाराणसी, 7 अप्रैल 2025, सोमवार। वाराणसी में एक 18 साल की ग्रेजुएशन छात्रा के साथ हुई दिल दहला देने वाली घटना ने इंसानियत को शर्मसार कर दिया है। 29 मार्च से 4 अप्रैल तक सात दिनों की दहशत भरी कैद में 23 युवकों ने न सिर्फ उसके साथ गैंगरेप किया, बल्कि वीडियो बनाकर उसे ब्लैकमेल भी किया। पीड़िता की मां की शिकायत पर पुलिस ने 12 नामजद और 11 अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर 6 को गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन यह सवाल अब भी अनसुलझा है कि आखिर सभ्य समाज में ऐसी क्रूरता कैसे पनप रही है?
मासूम सपनों पर दरिंदों की साजिश
पीड़िता पांच भाई-बहनों में से एक है और पढ़ाई के साथ-साथ एक होटल से जुड़े स्पा सेंटर में काम करती है। उसकी मां ने बताया कि 29 मार्च को वह रोज की तरह काम पर गई थी। पहले भी वह काम के सिलसिले में एक-दो दिन घर से बाहर रहती थी, लेकिन इस बार सात दिन तक लापता रही। परेशान माता-पिता को तब तक कुछ नहीं पता था कि उनकी बेटी एक खौफनाक साजिश का शिकार बन चुकी थी। 4 अप्रैल को जब वह घर लौटी, तो उसकी हालत देखकर मां का दिल दहल गया। डरी-सहमी बेटी ने आखिरकार अपनी आपबीती सुनाई।
दोस्ती का धोखा और दरिंदगी की शुरुआत
मां के मुताबिक, 29 मार्च को काम खत्म कर घर लौटते वक्त पीड़िता का दोस्त राज विश्वकर्मा रास्ते में मिला। उसने घूमाने का बहाना बनाकर उसे एक होटल में ले जाकर रेप किया और वीडियो बना लिया। अगले दिन जब वह घर आने की कोशिश कर रही थी, राज के साथी समीर, आयुष सिंह और अन्य लड़के होटल पहुंच गए। वीडियो वायरल करने की धमकी देकर उन्होंने उसे रोक लिया और एक के बाद एक उसकी अस्मत लूटते रहे। उसका मोबाइल छीन लिया गया, जिससे वह मदद के लिए किसी से संपर्क भी न कर सके।
सात दिनों की नर्क यात्रा
30 मार्च से शुरू हुआ यह दर्दनाक सिलसिला सात दिनों तक चलता रहा। आरोपियों ने अपने दोस्तों सोहेल, अनमोल, दानिश, साजिद और जाहिर को बुलाया। नशीला पदार्थ सुंघाकर उसे मलदहिया के एक कैफे ले जाया गया, जहां बेहोशी की हालत में उससे बलात्कार किया गया। अगले दो दिनों तक उसे मलदहिया के आसपास के होटलों में घुमाया गया। साजिद के दोस्त इमरान, शोएब, जैब और अन्य ने भी इस हैवानियत में हिस्सा लिया। पीड़िता को शहर से दूर ले जाकर उसके साथ क्रूरता की गई और कई वीडियो बनाए गए। हर बार उसे धमकी दी जाती कि अगर उसने मुंह खोला, तो वीडियो वायरल कर दिए जाएंगे।
चलती कार में दरिंदगी, सड़क पर फेंका
3 अप्रैल की रात साजिद ने उसे एक कार में बिठा दिया, जिसमें पहले से 5-6 लड़के मौजूद थे। चलती कार में भी उसकी इज्जत तार-तार की गई और फिर उसे सड़क पर फेंककर दरिंदे फरार हो गए। बदहवास हालत में वह किसी तरह घर पहुंची और मां को सारी बात बताई। मां ने बताया कि बेटी की हालत देखकर उसके पिता की तबीयत बिगड़ गई। 4 अप्रैल को परिवार थाने पहुंचा और शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस की कार्रवाई और सवालों का जवाब
डीसीपी वरुणा जोन चंद्रकांत मीना ने बताया कि शिकायत के आधार पर मुकदमा दर्ज कर 6 आरोपियों— लल्लापुरा निवासी साजिद, हुकुलगंज निवासी आयुष सिंह और दानिश खां, मलदहिया निवासी अनमोल, सिगरा निवासी इमरान और एक अन्य को गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ में यह पता लगाया जा रहा है कि सात दिनों तक पीड़िता को कहां-कहां रखा गया और कितने लोगों ने इस जघन्य अपराध को अंजाम दिया। पुलिस ने पीड़िता का मेडिकल कराया है और बाकी आरोपियों की तलाश के लिए तीन टीमें गठित की हैं।
मां की गुहार: “हमें इंसाफ चाहिए”
मां ने बताया कि जब बेटी 2-3 दिन घर नहीं आई, तो उन्होंने दोस्तों से पूछताछ की। कुछ ने कहा कि वह किसी के साथ घूमने गई है। परिवार को लगा कि शायद काम के सिलसिले में कहीं गई होगी, क्योंकि होटल वाले उसे अक्सर बाहर भेजते थे। लेकिन सात दिन बाद जो सच्चाई सामने आई, उसने सबको झकझोर दिया। मां की सिर्फ एक मांग है—उनकी बेटी को इंसाफ मिले और इन दरिंदों को सख्त से सख्त सजा दी जाए।
समाज के सामने सवाल
यह घटना न सिर्फ एक परिवार की पीड़ा है, बल्कि पूरे समाज के लिए एक चेतावनी भी। आखिर कब तक मासूम लड़कियां ऐसी हैवानियत का शिकार बनती रहेंगी? पुलिस की त्वरित कार्रवाई से उम्मीद जगी है, लेकिन सवाल यह है कि क्या यह इंसाफ की पूरी गारंटी दे पाएगी? अब सबकी नजर इस जांच पर टिकी है, जो न सिर्फ सच सामने लाएगी, बल्कि यह भी तय करेगी कि कानून की ताकत दरिंदों को सबक सिखा सकती है या नहीं।