66 हार्डकोर नक्सलियों ने डाले हथियार, ₹2.54 करोड़ के इनामी माओवादी मुख्यधारा में लौटे
जगदलपुर, 25 जुलाई 2025: बस्तर में नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक जीत की एक नई इबारत लिखी गई है, बस्तर रेंज में ₹2.54 करोड़ के इनामी 66 हार्डकोर नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में शामिल होने का संकल्प लिया। इनमें शीर्ष माओवादी नेता, ₹25 लाख के इनामी SZCM रामन्ना ईरपा उर्फ जगदीश जैसे बड़े नाम शामिल हैं।
एक ही दिन में बीजापुर से 25, दंतेवाड़ा से 15, कांकेर से 13, नारायणपुर से 8 और सुकमा से 5 नक्सलियों ने हथियार डालकर हिंसा का रास्ता छोड़ दिया। यह उपलब्धि छत्तीसगढ़ सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति की बड़ी सफलता है। पिछले 18 महीनों में 1,570 माओवादी कैडर इस नीति से प्रभावित होकर मुख्यधारा में लौट चुके हैं, जो सुशासन और विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
डबल इंजन सरकार का डबल प्रयास
यह बदलाव केवल सुरक्षा बलों की कार्रवाई तक सीमित नहीं है। यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन और केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी के नेतृत्व में बस्तर के सुदूर इलाकों में विकास की रोशनी पहुंच रही है। सुरक्षा शिविरों के साथ-साथ सड़क, परिवहन, पेयजल, बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। जनकल्याणकारी योजनाएं अब अंतिम छोर तक पहुंच रही हैं, जिससे बस्तर के लोगों में विश्वास जागा है।
“पूना मारगेम: पुनर्वास से पुनर्जीवन”
छत्तीसगढ़ सरकार की “पूना मारगेम” नीति बस्तर के उज्ज्वल भविष्य का आधार बन रही है। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के पुनर्वास और उनके जीवन को नई दिशा देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। यह नीति न केवल हिंसा को समाप्त कर रही है, बल्कि बस्तर को विकास और समृद्धि की नई राह पर ले जा रही है।
बस्तर अब नक्सलवाद की अंधेरी रात से बाहर निकल रहा है। विकास की यह सुबह न केवल शांति का संदेश दे रही है, बल्कि एक नए, समृद्ध और सुरक्षित बस्तर की नींव रख रही है।