मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में लगातार अयोध्या के पर्यटन को मिल रहा है बढ़ावा
अयोध्या, प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या में श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए एक से बढ़कर एक कार्य किये जा रहे हैं। उन्हीं में से एक सबसे अनोखा कार्य है ‘मिरर मेज़’ का। अमानीगंज में बनी यह शीशे की भूलभुलैया है, जिसमें आदमी एक बार अंदर जाएगा तो उसे बाहर आने में तमाम कोशिश करनी पड़ेगी।
यह बेहद दिलचस्प 'मिरर मेज़' पूरी तरह भक्तिरस और माता सीता की खोज पर आधारित रहेगा। अयोध्या में भव्य मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद बड़ी संख्या में श्रद्धालु व पर्यटकों के पहुंचने का सिलसिला जारी है। इनके लगातार आगमन को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद यह निर्देश दे चुके हैं कि पूरी अयोध्या नगरी को इस कदर सजाया और संवारा जाए कि यहाँ एक बार जो भी पहुंचे वह अपने जीवनकाल में बार-बार अयोध्या आने का ही मन बनाये। मुख्यमंत्री की इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए यहां के तमाम सरकारी विभाग इस पर काम कर रहे हैं और पर्यटन की दृष्टि से अयोध्या को संवारने के लिए आये दिन नए प्रोजेक्ट पर कार्य कर रहे हैं।
लगी हैं छह एलईडी, स्वयंवर से लेकर राम रावण युद्ध भी दिखेगा
अमानीगंज स्थित जलकल कार्यालय में बनी यह ‘मिरर मेज़’ पूरी तरह वातानुकूलित है। इसमें 43 इंच छह एलईडी भी लगाई गई हैं। उन एलईडी में सीता स्वयंवर, ताड़िका वध, अहिल्या का तारण और राम रावण युद्ध भी दिखाया जाएगा। एलईडी के चलने के बाद यह सब अलग-अलग शीशों में भी दिखेगी।
एक ही जैसे चार शीशे, 15 मिनट लगेंगे बाहर निकलने में
इस भूल भुलैया का नजारा बहुत ही रोमांचक होने वाला है। क्योंकि इसमें एक ही तरह के चार शीशे लगाए गए हैं। आप अगर एक बार इसमें प्रवेश करेंगे तो पूरी घनचक्कर वाली स्थिति रहेगी। जिस तरफ आगे बढ़ेंगे शीशे से टकराने के खतरा रहेगा।
सुबह 10 से रात आठ तक मिलेगा प्रवेश
इसके अंदर एक बार मे सिर्फ 20 से 25 लोग ही अंदर जा सकेंगे। क्योंकि एरिया छोटा है, ताकि अंदर भीड़ की स्थिति उत्पन्न न हो। अभी सुबह 10 से रात आत बजे तक ही संचालित करने की योजना है।
निर्माण में आई पौने तीन करोड की लागत
नगर आयुक्त संतोष शर्मा ने बताया कि इस मिररमेज का निर्माण स्मार्ट सिटी योजना के तहत कराया गया है। लगभग पौने तीन करोड़ की लागत से डेढ़ हजार वर्ग फुट क्षेत्र में निर्माण कराया गया है। बताया जाता है कि इसका निर्माण करने वाली संस्था इसे तीन साल तक चलाएगी। उसके बाद नगर निगम को हैंडओवर होगा। उन्होंने बताया कि यह मिररमेज बनकर तैयार हो चुका है। आठ-दस दिन में लोकार्पण कराया जाएगा।