मद्रास हाईकोर्ट ने मद्रास विश्वविद्यालय की गिरती साख पर चिंता जताते हुए कहा कि भ्रष्ट कर्मचारियों को मौत की सजा दी जानी चाहिए। अदालत की ओर से यह टिप्पणी उस अधिकारी पर की, जिसने धोखाधड़ी कर दो लोगों को सहायक लाइब्रेरियन के पद प्रोन्नत कर दिया।
जस्टिस एस वैद्यनाथन और एए नक्किरन की पीठ ने कहा, मद्रास विवि पुराना गौरव खो रहा है। कर्मचारी जो विश्वविद्यालय की साख से खिलवाड़ करते हुए मेहनत और ईमानदारी के साथ ड्यूटी नहीं कर रहे, उन्हें सेवा से बर्खास्त किया जाना चाहिए और उनकी करतूत को सर्विस रजिस्टर में दर्ज किया जाना चाहिए ताकि उन्हें प्रोन्नति और अन्य लाभ न मिल सके। पीठ ने रिट याचिका पर अंतिम आदेश देते हुए एकल पीठ के 23 अक्तूबर, 2017 के आदेश को खारिज कर दिया।