बिजनौर, 24 दिसंबर 2024, मंगलवार। उत्तर प्रदेश में एक दिलचस्प मामला सामने आया है, जिसमें एक्टर मुश्ताक खान और कॉमेडियन सुनील पाल की किडनैपिंग में शामिल एक आरोपी ने खुद कोतवाली शहर थाने में सरेंडर कर दिया। आरोपी अंकित खन्ना उर्फ पहाड़ी ने पुलिस के सामने हाथ जोड़कर अपनी गलती का अहसास जताया और कहा कि वह अपने किए की सजा भुगतने के लिए तैयार है।
यह मामला बिजनौर के लवी गैंग से जुड़ा हुआ है, जिसमें कई अन्य आरोपी भी शामिल हैं। पुलिस ने पहले ही इस गैंग के 8 सदस्यों को गिरफ्तार किया था, लेकिन अंकित पहाड़ी और एक अन्य आरोपी शुभम फरार चल रहे थे। अब अंकित पहाड़ी ने खुद कोतवाली शहर थाने में सरेंडर कर दिया है। उसने पुलिस को बताया कि वह अपनी गलती का अहसास कर चुका है और अब वह सजा भुगतने के लिए तैयार है। पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया है और आगे की कार्रवाई की जा रही है।
यह मामला काफी दिलचस्प है, क्योंकि आरोपी ने खुद को पुलिस के सामने पेश किया है। इससे यह साबित होता है कि आरोपी को योगी के सख्त कानून व्यवस्था का खौफ़ है और अब वह सजा भुगतने के लिए तैयार है।
किडनैपिंग का मास्टरमाइंड गिरफ्तार, अब एक बदमाश फरार; पुलिस ने किया बड़ा खुलासा
कलाकार सुनील पाल, मुश्ताक खान, राजेश पुरी, गुरूचरण सिंह सोढ़ी समेत कई एक्टर्स और फेमस पर्सनालिटी को इवेंट में भाग लेने के बहाने मुंबई से बुलाकर किडनैप किया गया था। किडनैपर्स ने करोड़ों की रकम की वसूली की थी। जांच में पता चला कि वसूली करने वाले बिजनौर के लवी गैंग के दस बदमाश थे। इनमें से शिवा, आकाश, अर्जुन, और लवी उर्फ सुशांत को अलग-अलग पुलिस एनकाउंटर के बाद गिरफ्तार किया गया था।
चारों बदमाशों की टांगो में पुलिस मुठभेड़ में गोली लगी थी। अर्जुन कर्णवाल को मेरठ पुलिस ने एनकाउंटर के बाद गिरफ्तार किया था। बाकी बचे बदमाश बिजनौर में पुलिस के हत्थे चढ़े थे। रविवार की देर रात गैंग के मास्टरमाइंड लवी उर्फ सुशांत चौधरी और हिमांशु को एनकाउंटर के बाद बिजनौर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।
इसी बीच, अंकित उर्फ पहाड़ी अपने एनकाउंटर के डर से रोते बिलखते बिजनौर थाने पहुंच गया और अपनी गलती मानकर पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। बिजनौर के एसपी अभिषेक झा ने बताया कि अब इस गैंग का केवल एक गुर्गा शुभम फरार है, जो कि गैंग के सरगना लवी का मौसेरा भाई है। वह बहुत जल्द पुलिस की गिरफ्त में होगा। सभी बदमाशों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी और मुकदमा फास्टट्रैक कोर्ट में चलाने की सिफारिश की जाएगी।