झांसी, 15 दिसंबर 2024, रविवार। झांसी में हिस्ट्रीशीटर कमलेश यादव के बेटों ने जेलर कस्तूरी लाल गुप्ता पर हमला कर दिया। यह हमला शनिवार को रेलवे स्टेशन जाते समय हुआ। कमलेश यादव के बेटे अपने पिता की जेल बदलने से नाराज थे। उन्होंने लाठी-डंडों और सरिया से जेलर के हाथ-पैर तोड़ दिए और पिस्टल लहराते हुए वहां से भाग निकले। घायल जेलर को पहले जिला अस्पताल और फिर मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। पुलिस ने हिस्ट्रीशीटर के दो पुत्रों समेत अन्य के खिलाफ जानलेवा हमले की रिपोर्ट दर्ज कर तलाश शुरू कर दी है।
खबरों के मुताबिक, शनिवार दोपहर को जेलर कस्तूरी लाल गुप्ता अपने सरकारी आवास से रेलवे स्टेशन की ओर जा रहे थे। इलाहाबाद बैंक तिराहे पर जब वे डीआरएम कार्यालय के पास पहुंचे, तो पीछे से आए कार सवारों ने ऑटो रुकवा लिया और जेलर कस्तूरी लाल को ऑटो से घसीट लिया। इसके बाद उन्हें लाठी-डंडों से पीटकर उनके हाथ-पैर तोड़ दिए गए। यह हमला इतना भयानक था कि जेलर की हालत गंभीर हो गई। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस अफसरों में अफरातफरी मच गई और जेलर को तुरंत जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां से उन्हें मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया।
घटना की जानकारी होते ही एसपी सिटी ज्ञानेंद्र सिंह, सीओ रामवीर सिंह एवं थाना प्रभारी जितेंद्र सिंह भी घटना स्थल और अस्पताल पहुंचे। पुलिस ने बताया कि यह हमला हिस्ट्रीशीटर कमलेश यादव के बेटों अमित और सुमित ने अपने साथियों के साथ मिलकर किया था, जो कमलेश यादव को झांसी से हमीरपुर जेल भेजने से नाराज थे। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है और उनकी तलाश शुरू कर दी है।
बता दें, प्रेमनगर के पुलिया नंबर नौ निवासी कमलेश यादव एक हिस्ट्रीशीटर बदमाश है, जिसके खिलाफ हत्या, लूट, डकैती समेत कई अन्य आरोपों में 38 मुकदमे विभिन्न थानों में दर्ज हैं। वह पिछले डेढ़ साल से जेल में बंद है, लेकिन अभी तक उसे किसी मामले में सजा नहीं सुनाई गई है। वहीं, एसपी सिटी ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि जेलर के बयान के आधार पर हिस्ट्रीशीटर कमलेश के दोनों बेटों पर रिपोर्ट दर्ज की गई है। मामले की छानबीन कराई जा रही है। यह मामला जेल प्रशासन और पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती है, क्योंकि इसमें एक हिस्ट्रीशीटर के बेटों की संलिप्तता है।