वाराणसी में फर्जीवाड़े का सनसनीखेज खुलासा
गाजीपुर निवासी की फोटो से ली गई NOC, पुलिस और CMO ने शुरू की जांच
वाराणसी, 24 जून 2025। शहर के हुकुलगंज में फर्जी दस्तावेजों के बल पर अस्पताल संचालित होने का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। गाजीपुर के विवेकानंद सिंह ने हाज़िर होकर न केवल अपनी पहचान के दुरुपयोग का खुलासा किया, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं में बड़े घोटाले की ओर इशारा किया।
क्या है पूरा मामला?
विवेकानंद ने बताया कि हुकुलगंज के मकान नंबर S 9/68 JAR में संचालित मां गौरी हॉस्पिटल के संचालक आलोक रंजन दुबे ने उनकी फोटो का इस्तेमाल कर बायोवेस्ट और पॉल्यूशन बोर्ड से NOC हासिल की। वर्ष 2023-24 और 2024-25 की NOC में उनकी तस्वीर का दुरुपयोग हुआ। सवाल उठाने पर संचालक ने बेफिक्री से कहा, “कुछ नहीं होगा, चलने दीजिए।”
युवक की शिकायत पर प्रशासन हरकत में
विवेकानंद ने एडिशनल CP क्राइम से मुलाकात कर शिकायत दर्ज की, जिसके बाद लालपुर-पांडेयपुर थाने को जांच सौंपी गई। CMO डॉ. संदीप चौधरी ने मामले को गंभीर बताते हुए जांच शुरू कर दी और अस्पताल का लाइसेंस निरस्त करने की बात कही।
“यह मेरी पहचान का दुरुपयोग ही नहीं, जनस्वास्थ्य से खिलवाड़ है”
विवेकानंद ने कहा, “यह केवल मेरे साथ धोखा नहीं, बल्कि कानून और मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ है। मैंने आवाज उठाई ताकि ऐसी धोखाधड़ी रुके।”
सवालों के घेरे में निगरानी तंत्र
यह मामला स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता और डिजिटल सत्यापन की कमी को उजागर करता है। आखिर कैसे फर्जी दस्तावेजों पर अस्पताल संचालित हो रहा था? क्या प्रशासन की लापरवाही ने इस फर्जीवाड़े को बढ़ावा दिया?
पुलिस और CMO की जांच से जल्द ही सच सामने आने की उम्मीद है। फिलहाल, यह घटना शहरवासियों के लिए खतरे की घंटी है।