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Thursday, June 26, 2025

‘डॉक्टर डेथ’ की खौफनाक कहानी: टैक्सी ड्राइवरों की हत्या, मगरमच्छों को खिलाई लाशें

नई दिल्ली, 21 मई 2025, बुधवार। देश को दहशत में डालने वाला सीरियल किलर डॉ. देवेंद्र शर्मा, जिसे लोग ‘डॉक्टर डेथ’ के नाम से जानते हैं, एक बार फिर सुर्खियों में है। 67 वर्षीय यह आयुर्वेदिक चिकित्सक, जो कभी गरीबों के गुर्दे बेचकर और टैक्सी ड्राइवरों की हत्या कर मगरमच्छों को उनकी लाशें खिलाने के लिए कुख्यात हुआ, अब राजस्थान के दौसा जिले में एक आश्रम से गिरफ्तार किया गया है। फर्जी पहचान के साथ ‘पुजारी’ बनकर छिपा यह अपराधी आखिरकार दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा के हत्थे चढ़ा।

आश्रम में ‘संत’ बनकर छिपा था ‘डॉक्टर डेथ’

पिछले साल अगस्त 2023 में तिहाड़ जेल से पैरोल पर रिहा होने के बाद फरार हुआ शर्मा एक आश्रम में आध्यात्मिक गुरु बनकर श्रद्धालुओं को प्रवचन दे रहा था। दिल्ली पुलिस के डीसीपी आदित्य गौतम ने बताया कि छह महीने की कड़ी निगरानी और अलीगढ़, जयपुर, आगरा, दिल्ली, और प्रयागराज जैसे शहरों में तलाशी अभियान के बाद शर्मा को पकड़ा गया। फर्जी दस्तावेजों के सहारे उसने अपनी नई पहचान बनाई थी, लेकिन पुलिस की पैनी नजर ने उसे बेनकाब कर दिया।

हत्याओं का वीभत्स खेल: मगरमच्छों को खिलाए शव

2002 से 2004 के बीच शर्मा ने अपने साथियों के साथ मिलकर एक खौफनाक पैटर्न अपनाया। टैक्सी और ट्रक चालकों को फर्जी बुकिंग के बहाने बुलाया जाता, फिर उनकी बेरहमी से हत्या कर शवों को उत्तर प्रदेश के कासगंज की मगरमच्छों से भरी नहर में फेंक दिया जाता। इसका मकसद था सबूत मिटाना। पुलिस का अनुमान है कि शर्मा ने कम से कम 50 हत्याएं कीं, हालांकि कुछ सूत्रों का दावा है कि यह संख्या 100 से भी ज्यादा हो सकती है।

गुर्दा तस्करी से शुरू हुआ अपराध का सफर

शर्मा की कहानी किसी डरावनी फिल्म से कम नहीं। 1984 में राजस्थान में आयुर्वेदिक क्लिनिक शुरू करने वाला यह बीएएमएस डिग्रीधारी डॉक्टर 1990 के दशक में अवैध गुर्दा तस्करी के धंधे में कूद पड़ा। 1995 से 2004 तक उसने एक संगठित रैकेट चलाया, जिसमें गरीबों को बहला-फुसलाकर या जबरन उनके गुर्दे निकाले जाते और अमीर मरीजों को ऊंची कीमत पर बेचे जाते। इस दौरान उसने 125 से ज्यादा अवैध गुर्दा ट्रांसप्लांट किए।

ट्रक लूट और सिलेंडर चोरी का काला कारोबार

गुर्दा तस्करी के साथ-साथ शर्मा ने ट्रकों की लूट, एलपीजी सिलेंडर चोरी, और हत्याओं का एक और रैकेट चलाया। वह और उसका गिरोह ट्रक ड्राइवरों की हत्या कर माल को ब्लैक मार्केट में बेचता था। हर हत्या या लूट के लिए वह सात लाख रुपये तक वसूलता था। पुलिस के अनुसार, शर्मा 27 से ज्यादा आपराधिक मामलों में शामिल रहा, जिनमें हत्या, अपहरण, डकैती, और तस्करी जैसे संगीन जुर्म शामिल हैं।

फरारी की आदत: बार-बार टूटी पैरोल

यह पहली बार नहीं जब शर्मा ने पैरोल का दुरुपयोग किया। 2020 में 20 दिन की पैरोल के बाद वह सात महीने तक फरार रहा और जुलाई 2020 में पकड़ा गया। इस बार फिर उसने वही चाल चली, लेकिन आध्यात्मिक भेष में छिपने की कोशिश नाकाम रही।

अब क्या?

दिल्ली पुलिस ने शर्मा को दिल्ली लाया है, जहां उसके खिलाफ दर्ज मामलों की सुनवाई फिर शुरू होगी। पुलिस को उम्मीद है कि वह अनसुलझे हत्याकांडों और तस्करी नेटवर्क के बारे में अहम जानकारी दे सकता है।

‘डॉक्टर डेथ’ की यह कहानी न सिर्फ खौफनाक है, बल्कि यह भी बताती है कि अपराधी कितनी चालाकी से समाज में छिप सकता है। लेकिन कानून की लंबी भुजा ने एक बार फिर साबित किया कि कोई भी अपराधी सलाखों से बच नहीं सकता।

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