वाराणसी, 5 जुलाई 2025: साइबर अपराध की दुनिया ने एक बार फिर अपनी क्रूरता दिखाई है। वाराणसी की एक महिला को ‘डिजिटल अरेस्ट’ के जाल में फंसाकर ठगों ने 81 लाख रुपये की ठगी को अंजाम दिया। यह रकम पीड़िता ने अपने पति के किडनी ट्रांसप्लांट और परिवार की जरूरतों के लिए पैतृक संपत्ति बेचकर जमा की थी। इस सनसनीखेज वारदात ने न केवल पीड़ित परिवार को तोड़ दिया, बल्कि साइबर अपराधियों की बेरहमी और तकनीकी चालाकी को भी उजागर किया।
कैसे बिछाया ठगी का जाल?
30 जून की शाम पीड़िता, कोतवाली थाना क्षेत्र के गोपाल मंदिर निवासी मौत्तू गोठी, के पास एक अनजान कॉल आया। कॉलर ने खुद को केंद्रीय जांच एजेंसी का अधिकारी बताया और दावा किया कि मौत्तू के मोबाइल नंबर से अश्लील मैसेज भेजे जा रहे हैं। साथ ही, उनके खिलाफ RBI में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज होने की धमकी दी। डर और दबाव में आई पीड़िता को ‘गिरफ्तारी’ से बचने के लिए अपने बैंक खाते की सारी रकम ‘RBI के सुरक्षित खाते’ में ट्रांसफर करने का लालच दिया गया।
तीन दिन में 81 लाख साफ
ठगों ने पीड़िता को तीन दिन तक ऑनलाइन अपने कब्जे में रखा। लगातार कॉल और मैसेज के जरिए उन्होंने पीड़िता के फोन में नेट बैंकिंग एक्टिवेट कराई और खातों तक पहुंच बनाई। इसके बाद:
- 1 जुलाई: 30 लाख रुपये ट्रांसफर
- 2 जुलाई: 37 लाख रुपये ट्रांसफर
- उसी दिन: 14 लाख रुपये RTGS के जरिए निकाले गए
कुल 81 लाख रुपये की रकम ठगों ने शातिराना तरीके से अपने खातों में डाल ली। पीड़िता को हर कदम पर डराया और भ्रमित किया गया, जिससे वह ठगों के जाल में पूरी तरह फंस गई।
परिवार पर टूटी मुसीबत
मौत्तू गोठी ने बताया कि यह रकम उनके पति के इलाज और परिवार के भविष्य के लिए जोड़ी गई थी। पैतृक संपत्ति बेचकर जमा की गई यह पूंजी अब ठगों की भेंट चढ़ गई। परिवार आर्थिक और मानसिक रूप से पूरी तरह टूट चुका है। यह घटना उनके लिए किसी बड़े सदमे से कम नहीं।
पुलिस की कार्रवाई तेज
साइबर क्राइम थाने के प्रभारी निरीक्षक जगदीश कुशवाहा ने बताया कि मामले की जांच शुरू हो चुकी है। बैंक खातों, मोबाइल नंबरों और ट्रांजेक्शन डिटेल्स को खंगाला जा रहा है। उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द ही दोषियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया जाएगा।
साइबर ठगी से बचें, सतर्क रहें!
पुलिस ने नागरिकों को चेतावनी दी है कि कोई भी सरकारी एजेंसी फोन पर बैंक डिटेल्स नहीं मांगती। अगर कोई मनी लॉन्ड्रिंग या गिरफ्तारी का डर दिखाकर पैसे मांगे, तो तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन से संपर्क करें। साइबर अपराधियों से बचने के लिए जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार है।
यह खबर हर उस व्यक्ति के लिए सबक है जो तकनीक के इस दौर में साइबर अपराधियों के निशाने पर हो सकता है। सावधान रहें, सुरक्षित रहें!