अयोध्या, 14 मई 2025, बुधवार। रामनगरी, जहां हर कण में प्रभु श्रीराम की भक्ति समाई है, यहां की सुबह सूरज की पहली किरण से नहीं, बल्कि हनुमानगढ़ी के शिखर से गूंजने वाले महाबली बजरंगबली के भजनों से शुरू होती है। जब दुनिया नींद की आगोश में होती है, तभी भोर के तीन बजे रामनगरी की आत्मा जाग उठती है। हनुमानगढ़ी के मंदिर से उठने वाली भक्ति की स्वर-लहरियां न केवल हवा को पवित्र करती हैं, बल्कि हर श्रद्धालु के हृदय को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर देती हैं।
हनुमानगढ़ी: भक्ति और परंपरा का जीवंत प्रतीक
हनुमानगढ़ी कोई साधारण मंदिर नहीं, यह आस्था और भक्ति का सिद्ध पीठ है, जो 1940 से चली आ रही एक अनूठी परंपरा का साक्षी है। यहां हर सुबह सबसे पहले महाबली बजरंगबली को जगाया जाता है, और फिर रामनगरी के अन्य मंदिरों में पूजा-अर्चना का सिलसिला शुरू होता है। पुजारी बताते हैं कि ब्रह्म मुहूर्त में बजरंगबली का स्मरण असीम शक्ति और सात्विकता प्रदान करता है। जैसे ही मंदिर के शिखर से भजनों की गूंज उठती है, रामनगरी एक दिव्य तरंग में डूब जाती है। यहां की मान्यता है कि सुबह सूरज से नहीं, बजरंगबली से शुरू होती है।
ब्रह्म मुहूर्त में जागरण: एक आध्यात्मिक अनुभव
भोर के सन्नाटे में जब छह पुजारियों की विशेष टीम भजनों के साथ जागरण शुरू करती है, तब मंदिर में दीप प्रज्ज्वलित होते हैं, शंखनाद गूंजता है, और भक्ति की ऊर्जा हर दिशा में फैल जाती है। पुजारी मानते हैं कि ब्रह्म मुहूर्त में देव शक्तियां जागृत होती हैं, और इस समय बजरंगबली का गुणगान अत्यंत फलदायी होता है। सुबह चार बजे जब रामलला के दरबार में मंगला आरती होती है, तब तक हनुमानगढ़ी के भजनों ने रामनगरी की आत्मा को जगा दिया होता है।
बजरंगबली: रामनगरी की सुबह का प्रथम स्वर
रामनगरी में बजरंगबली का स्थान अनन्य है। प्रभु श्रीराम के परम भक्त हनुमान को सबसे पहले जगाने की परंपरा यह दर्शाती है कि रामकथा की हर शुरुआत बजरंगबली से होती है। जब तक हनुमानगढ़ी में भजन-कीर्तन की गूंज नहीं उठती, तब तक रामनगरी की सुबह अधूरी मानी जाती है। ये भजन केवल मंदिर की दीवारों तक सीमित नहीं रहते, बल्कि श्रद्धालुओं के हृदय को छूते हैं और उन्हें भक्ति के रंग में रंग देते हैं।
रामनगरी की सुबह को आत्मा से महसूस करें
अगर आप कभी रामनगरी आएं, तो एक बार सुबह तीन बजे हनुमानगढ़ी जरूर जाएं। यहां की सुबह केवल देखने की चीज नहीं, बल्कि उसे आत्मा से महसूस करने का अनुभव है। जब आप बजरंगबली के गुणगान का हिस्सा बनते हैं, तब आप समझ पाते हैं कि क्यों कहा जाता है कि रामनगरी की सुबह सूरज से नहीं, महाबली बजरंगबली से शुरू होती है। यह अलौकिक अनुभव आपकी आत्मा को भक्ति और शांति से भर देगा, जो जीवन भर आपके साथ रहेगा। रामनगरी की यह पावन सुबह बजरंगबली के भजनों से सजी एक ऐसी कहानी है, जो हर श्रद्धालु को भक्ति के सागर में डुबो देती है।