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Tuesday, July 8, 2025

कर्नाटक में जारी हिजाब विवाद पर हाईकोर्ट का फैसला नहीं आ सका, बड़ी पीठ को भेजा गया।

कर्नाटक में जारी हिजाब विवाद पर सरकार के ड्रेस कोड के खिलाफ दायर याचिका पर बुधवार को भी हाईकोर्ट का फैसला नहीं आ सका। इस मामले पर लगातार दूसरे दिन सुनवाई हुई, जिसमें इसे बड़ी पीठ को भेजा गया।

जस्टिस कृष्ण एस दीक्षित ने कहा कि यह मामला पर्सनल लॉ के पहलुओं के मद्देनजर बुनियादी महत्व के कुछ सांविधानिक सवालों को उठाता है, इसलिए मुख्य न्यायाधीश जस्टिस ऋतुराज अवस्थी इस पर सुनवाई के लिए बड़ी पीठ का गठन कर सकते हैं। इससे पहले सरकार ने ड्रेस कोड में किसी प्रकार की ढील देने से इनकार कर दिया था।

जस्टिस दीक्षित ने कहा, ऐसे मुद्दे जिन पर बहस हुई और महत्वपूर्ण सवालों की व्यापकता को देखते हुए अदालत का विचार है कि मुख्य न्यायाधीश को यह तय करना चाहिए कि क्या इस विषय में एक बड़ी पीठ का गठन किया जा सकता है। जस्टिस दीक्षित ने आदेश में कहा, पीठ का यह भी विचार है कि अंतरिम अर्जियों को भी बड़ी पीठ के समक्ष रखा जाना चाहिए, जिसका गठन मुख्य न्यायाधीश अवस्थी द्वारा किया जा सकता है।

 

गौरतलब है कि राज्य के उडुपी जिले के सरकारी महाविद्यालयों में पढ़ने वाली कुछ मुस्लिम लड़कियों ने हिजाब के साथ कक्षाओं में प्रवेश पर रोक के खिलाफ याचिका दायर की है। इस मुद्दे पर कर्नाटक के कई शिक्षण संस्थानों में हिजाब के विरोधी और समर्थक आमने-सामने आ गए हैं। छिटपुट हिंसा की घटनाओं के बाद राज्य सरकार मंगलवार से सभी स्कूल-कॉलेजों को तीन दिन तक बंद रखने का आदेश दे चुकी है। इसबीच, कर्नाटक पुलिस ने अगले दो हफ्ते तक शिक्षण संस्थानों के इर्द गिर्द 200 मीटर के दायरे में भीड़ और प्रदर्शन पर रोक लगा दी है।

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि कर्नाटक सरकार को हिजाब मुद्दे को सुलझाना चाहिए। उन्होंने कहा साथ ही विपक्षी दलों को इसका राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा, यदि कोई विद्यार्थी अनुशासन तोड़ता है और नियम के विरुद्ध कार्य करता है तो उसको मिलने वाला सरकारी अनुदान बंद किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि लड़कियों का हिजाब पहनकर स्कूल-कॉलेज आना कोई नया नहीं है। लेकिन कुछ राजनीतिक दल इस विवाद के पीछे हैं।

उत्तर प्रदेश के संभल में एक चुनावी सभा के दौरान ओवैसी ने कहा, ‘मैं दुआ करता हूं कि कर्नाटक में हिजाब पहनने के अधिकार के लिए लड़ने वाली बहनें कामयाब हों। कर्नाटक में संविधान का मखौल उड़ाया जा रहा है। मैं भाजपा सरकार के इस फैसले की निंदा करता हूं।’

कर्नाटक के हिजाब विवाद के बीच वायरल वीडियो के बाद मीडिया की सुर्खियों में आई मुस्कान का एक और बयान सामने आया है। मुस्कान ने बताया कि वीडियो वायरल होने के बाद कई लोग उनका समर्थन कर रहे हैं। यहां तक कि उनके हिंदू दोस्त भी उसके साथ हैं। मुस्कान ने कहा, ‘मैं और मेरी अन्य मुस्लिम सहेलियां, हिंदू दोस्तों के बीच सुरक्षित महसूस करती हैं। हमारे बीच कभी धर्म को लेकर बात नहीं हुई। यह सब कुछ बाहरी लोग कर रहे हैं।’

दरअसल, मुस्कान तब चर्चा में आई जब कर्नाटक में हिजाब विवाद के बीच चल रहे प्रदर्शन में उनका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। दर्जनों लड़कों के बीच घिरीं अकेली मुस्कान उनका हिम्मत के साथ मुकाबला करती हैं। इसके बाद से उनकी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है। एक मीडिया चैनल को मुस्कान ने बताया कि वह कॉलेज असाइनमेंट के लिए आई थी।

उन्होंने कहा, वे लोग मुझे अंदर नहीं जाने दे रहे थे, क्योंकि मैंने बुर्का पहना हुआ था। उनका कहना था कि पहले बुर्का उतारो फिर अंदर जाओ। मैं वहां दोबारा गई तो लड़कों ने मुझे घेर लिया और नारे लगाने लगे, इसके जवाब में मैंने भी अपना नारा लगाया। वह बताती है कि मेरे टीचर और प्रिंसिपल ने मेरा सपोर्ट किया, उन लोगों ने मुझे भीड़ से बचाया। मुस्कान ने कहा, मैं कक्षा में हिजाब पहनती हूं और बुर्का उतार देती हूं। आज तक प्रिंसिपल या शिक्षकों ने कुछ नहीं कहा। यह सब बाहरी लोगों ने किया है। वह कहती हैं कि हिजाब हमारा हिस्सा है। हम हिजाब के लिए विरोध जारी रखेंगे। यह मुस्लिम लड़की होने की पहचान है।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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