वाराणसी, 22 जून 2025, रविवार: रविवार की दोपहर वाराणसी के रानी फाटक पर उस वक्त हड़कंप मच गया, जब जैतपुरा थानाक्षेत्र में 100 साल पुरानी जर्जर इमारत का एक हिस्सा अचानक धराशायी हो गया। गनीमत रही कि महज 5 मिनट पहले लाइट कट होने की वजह से मकान में रहने वाला परिवार बाहर निकल आया, वरना बड़ा हादसा हो सकता था। इस हादसे में एक गर्भवती गाय मलबे में दबकर मर गई, जबकि दूसरी को बचा लिया गया।
चार पुश्तों का आशियाना, लापरवाही ने बढ़ाया खतरा
रानी फाटक की इस प्रॉपर्टी में किराए पर रहने वाला परिवार चार पीढ़ियों से यहीं बस्ता आ रहा है। मकान की जर्जर दीवारें खतरे की घंटी बजा रही थीं, लेकिन केयरटेकर की लापरवाही ने हालात को और बिगाड़ दिया। किराएदार बच्ची देवी ने बताया, “हमने कई बार केयरटेकर को बताया कि दीवार टेढ़ी हो गई है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।”
लाइट कट ने बनाया ‘जीवन रक्षक’
दोपहर साढ़े 12 बजे बिजली गुल होने के 10 मिनट बाद परिवार कमरे से आंगन में पहुंचा ही था कि अचानक जर्जर दीवार का एक हिस्सा भरभराकर उनके कमरे पर जा गिरी। मलबे में परिवार की दो गायें दब गईं, जिनमें से एक गर्भवती थी। बच्ची देवी ने रोते हुए कहा, “हमारी गायें हमारा सहारा थीं, एक की मौत हो गई।”
रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे फायर ब्रिगेड और पुलिस
हादसे की सूचना मिलते ही एसओ जैतपुरा बृजेश मिश्रा और एसीपी चेतगंज इशांत सोनी मौके पर पहुंचे। फायर ब्रिगेड की टीम ने तुरंत राहत कार्य शुरू किया। जेसीबी की मदद से मलबा हटाया गया और दोनों गायों को बाहर निकाला गया। एक गाय की मौत हो चुकी थी, जबकि दूसरी को बचा लिया गया।
लापरवाही पर सवाल
स्थानीय लोगों का कहना है कि जर्जर मकानों की मरम्मत पर ध्यान न देना प्रशासन और मालिकों की लापरवाही को दर्शाता है। इस हादसे ने एक बार फिर पुरानी इमारतों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है और परिवार को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है। यह हादसा एक चेतावनी है कि समय रहते जर्जर इमारतों की मरम्मत न हुई तो भविष्य में और बड़े हादसे हो सकते हैं।