भ्रष्टाचार के ख़ात्मे की क़सम खाते हुए राजनीति में आयी आम आदमी पार्टी को दिल्ली में 2024 के चुनाव के लिए हाथ का साथ मिल गया है । हाथ और झाड़ू का अब औपचारिक रूप से कम से कम 2024 के लोकसभा चुनाव तक का साथ हो गया है ।
शनिवार को कई राउंड की लंबी बैठक के बाद दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने संयुक्त प्रेस वार्ता करते हुए ये जानकारी साझा की । आप और कांग्रेस की तरफ़ से औपचारिक तौर पर ये ऐलान किया गया कि दिल्ली में AAP 4 और कांग्रेस 3 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
कांग्रेस पार्टी की तरफ़ से इस बारे जानकारी देते हुए मुकुल वासनिक ने कहा कि
आप और कांग्रेस के बीच सीटों का समझौता हुआ है । दिल्ली में दोनों राजनीतिक दल मिल कर एक साथ चुनाव लड़ेगी । दो महत्वपूर्ण राजनीतिक दल आने वाले लोकसभा चुनाव का संयुक्त रूप से जिम्मा संभालने का मन बना लिये हैं । दिल्ली में AAP 4 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और कांग्रेस 3 sसीटों पर चुनाव लड़ेगी ।
गुजरात में भी दोनों पार्टी एक साथ चल रही हैं । गुजरात में 26 सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ेगी और 2 सीटों पर आम आदमी पार्टी लड़ेगी। गुजरात में भरूच और भावनगर की सीट आम आदमी पार्टी के खाते में गया है । हरियाणा में 10 सीटों में से 9 पर कांग्रेस और 1 पर कुरुक्षेत्र की सीट आप लड़ेगी। चंडीगढ़ में कांग्रेस अकेले अपने दम पर चुनावी मैदान में उतरेगी । गोवा और पंजाब में झाड़ू का हाथ से साथ छूट जाएगा और दोनों राजनीतिक दल अपने – पाने रास्ते चलते जुटे अकेले ही चुनाव लड़ेंगी । मुकुल वानिकी ने कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए दोनों पार्टियों के सभी नेता और कार्यकर्ता जीत को लक्ष्य बनाते हुए पूरी ताकत से काम कर रहे हैं । पंजाब में अलग चुनाव लड़ने पर मुकुल वासनिक का कहना था कि
आप पंजाब की राजनीतिक स्थिति अच्छे से समझती है मतलब लंबे समय से पंजाब पर सत्ता में खनिज रहने के बावजूद कांग्रेस को पंजाब की ज़मीनी स्थिति की समझ नहीं है और पंजाब में कांग्रेस पहले ही चुनाव हार चुकी है ।
प्रेस वार्ता में आम आदमी पार्टी ने बीजेपी पर निशाना साधते हटे कहा कि देश में चुनावों की चोरी हो रही है। इलेक्शन जीतने के लिए विपक्षी नेताओं को जेल में डाला जा रहा है। पूरे देश की जनता बेरोजगारी और महंगाई से जूझ रही है। इसी को ध्यान में रखकर बड़े-छोटे हितों को दरकिनार कर गठबंधन में हम आए हैं। देश अहम है। पार्टी हमेशा दूसरे नंबर पर है। चुनाव को ‘इंडिया’ लड़ेगी।
ग़ौरतलब है कि वैकल्पिक राजनीति के नाम पर ईमानदारी की दुहाई देते हुए अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी सत्ता में आयी थी । जब दिल्ली में पहली बार सबसे बड़ी पार्टी के रूप में आप जीत कर आयी थी तब अरविंद केजरीवाल ने गठबंधन में नहीं आने के लिए अपने बच्चों की क़सम खाई थी और कहा था कि “ कांग्रेस जैसी भ्रष्ट पार्टी के साथ गठबंधन करने का सवाल ही नहीं उठता । मैं अपने बच्चों की kasam खाता हूँ की कांग्रेस और बीजेपी के साथ कभी गठबंधन नहीं करूँगा । अगर मैं गठबंधन करूँ तो मेरे नाम की जो मर्ज़ी पाल लेना लेकिन अरविंद केजरीवाल ने तब भी गठबंधन की थी और समय की माँग को देखते हुए आज भी कर रहे हैं ।