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Monday, March 31, 2025

शाइन सिटी के ‘चमकते’ ठग का खेल खत्म: राशिद नसीम की दो करोड़ की जमीन कुर्क करने की तैयारी

वाराणसी, 29 मार्च 2025, शनिवार। जमीन और प्लॉट के सपने दिखाकर लोगों की गाढ़ी कमाई लूटने वाले शाइन सिटी कंपनी के सीएमडी राशिद नसीम की मुश्किलें अब चरम पर पहुंच गई हैं। वाराणसी की जैतपुरा थाना पुलिस गैंगस्टर एक्ट के तहत उसकी दो करोड़ रुपये की जमीन कुर्क करने की तैयारी में जुट गई है। यह बड़ा कदम पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल के सख्त निर्देशों के बाद उठाया जा रहा है, जो इस ठग के काले कारनामों पर लगाम कसने के लिए प्रतिबद्ध दिखाई दे रहे हैं।

गैंगस्टर एक्ट के तहत शुरू हुई कहानी

राशिद नसीम का यह खेल नया नहीं है। 19 अक्टूबर 2021 को कैंट थाने में तत्कालीन इंस्पेक्टर राजेश कुमार सिंह की शिकायत पर राशिद, उसके भाई आसिफ नसीम और सहयोगी डॉ. अमिताभ श्रीवास्तव के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था। पुलिस के मुताबिक, इस गैंग का सरगना कोई और नहीं, बल्कि खुद राशिद नसीम है। इनका धंधा था लोगों को सस्ते प्लॉट और जमीन का लालच देकर ठगी करना। शाइन सिटी के नाम पर ये गिरोह आम लोगों की मेहनत की कमाई हड़पने में माहिर हो चुका था।

500 से ज्यादा मुकदमे, फिर भी नहीं सुधरा

राशिद नसीम की फेहरिस्त लंबी है। उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में उसके खिलाफ 500 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक साजिश के ये मुकदमे उसके काले कारोबार की गवाही देते हैं। इसके बावजूद, वह कानून को ठेंगा दिखाता रहा। 10 मामलों में कुर्की की उद्घोषणा जारी होने के बाद भी राशिद ने कोर्ट में हाजिर होने की जहमत नहीं उठाई। उसकी इस हठधर्मिता ने आखिरकार पुलिस और अदालत का सब्र तोड़ दिया।

कोर्ट के आदेश की अवमानना बनी मुसीबत

राशिद की मुश्किलें तब और बढ़ीं, जब आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) की वाराणसी इकाई के इंस्पेक्टर विजय प्रकाश यादव ने उसके खिलाफ कैंट थाने में एक और मुकदमा दर्ज कराया। दरअसल, राशिद के खिलाफ 10 मुकदमों में कोर्ट ने उसे फरार घोषित करते हुए कुर्की का आदेश जारी किया था। अदालत ने साफ कहा था कि वह हाजिर हो, लेकिन राशिद ने इसे अनसुना कर दिया। अब इंस्पेक्टर विजय प्रकाश यादव के नेतृत्व में पुलिस उसकी दो करोड़ की संपत्ति को जब्त करने के लिए कमर कस चुकी है।

ठगी का चमकता साम्राज्य ढहने की कगार पर

शाइन सिटी कंपनी के नाम पर राशिद नसीम ने एक चमकता हुआ साम्राज्य खड़ा किया था, लेकिन यह चमक लोगों की जेब से लूटे गए पैसों की थी। उसका गैंग सुनियोजित तरीके से काम करता था—झूठे वादे, फर्जी कागजात और फिर पैसा लेकर फरार। लेकिन अब कानून का शिकंजा कस गया है। जैतपुरा पुलिस की यह कार्रवाई न सिर्फ राशिद के लिए सबक है, बल्कि उन तमाम ठगों के लिए भी चेतावनी है जो लोगों के सपनों को लूटकर अपनी तिजोरियां भरते हैं।

क्या होगा अगला कदम?

राशिद नसीम की संपत्ति कुर्की के बाद पुलिस की नजर उसके बाकी गैंग सदस्यों और इस काले धंधे के नेटवर्क पर है। सवाल यह है कि क्या यह कार्रवाई ठगी के इस खेल को पूरी तरह खत्म कर पाएगी? या फिर राशिद जैसे लोग नए चेहरों के साथ फिर से उभर आएंगे? जवाब तो वक्त ही देगा, लेकिन फिलहाल वाराणसी पुलिस की यह मुस्तैदी एक उम्मीद जरूर जगाती है।

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