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Wednesday, April 2, 2025

त्योहारों के संगम में सियासत और सच्चाई का खेल

नई दिल्ली, 1 अप्रैल 2025, मंगलवार। देश में इन दिनों नवरात्रि की धूम और ईद की खुशियां एक साथ गूंज रही हैं। रमजान के पवित्र महीने के बाद ईद का त्योहार जहां इबादत और भाईचारे का प्रतीक है, वहीं इस मौके पर सियासी बयानों ने भी सुर्खियां बटोरनी शुरू कर दी हैं। इसी बीच वरिष्ठ पत्रकार अनिता चौधरी ने बीजेपी के दिग्गज नेता शाहनवाज हुसैन से खास बातचीत की, जिसमें वक्फ संशोधन से लेकर मुस्लिम समुदाय की चिंताओं और विपक्ष के आरोपों पर खुलकर चर्चा हुई।

वक्फ संशोधन पर हंगामा क्यों?

वरिष्ठ पत्रकार अनिता चौधरी ने बातचीत की शुरुआत वक्फ संशोधन को लेकर मुस्लिम समुदाय के एक वर्ग के विरोध से की। उन्होंने बताया कि कुछ लोगों ने काली पट्टी बांधकर नमाज अदा की, जिसे संशोधन के खिलाफ उनका गुस्सा माना जा रहा है। जवाब में शाहनवाज हुसैन ने साफगोई से कहा, “ईद का दिन इबादत और गले मिलने का दिन है, सियासत का नहीं।” उन्होंने बताया कि वह खुद संसद के सामने वाली मस्जिद में नमाज पढ़ने गए थे, लेकिन उन्हें वहां कोई काली पट्टी वाला दिखाई नहीं दिया। उनका दावा था कि इससे साबित होता है कि ज्यादातर मुसलमान इस विरोध के पक्ष में नहीं हैं।

शाहनवाज ने वक्फ संशोधन को लेकर फैलाए जा रहे दुष्प्रचार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, “जिस तरह CAA और NRC को लेकर अफवाहें फैलाई गईं, उसी तरह वक्फ संशोधन को लेकर भी गलत बयानी की जा रही है।” उनका जोर था कि इस संशोधन से न तो मस्जिद-मजार छीने जा रहे हैं और न ही मुस्लिमों के अधिकारों पर कोई आंच आ रही है। फिर भी, कुछ सियासी लोग इसे हथियार बनाकर मुसलमानों को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं, जिसे वह नाकाम करने में जुटे हैं।

मुस्लिम समुदाय की चिंता और जवाब

अनिता चौधरी ने मुस्लिम समुदाय के एक तबके की उस शिकायत का जिक्र किया, जिसमें कहा गया कि वक्फ संशोधन से उनका हक छीना जा रहा है और उन्हें जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है। इस पर शाहनवाज हुसैन ने दो टूक जवाब दिया, “यह सरासर गलत है। न तो कोई मुसलमान टारगेट किया जा रहा है और न ही उन पर कोई ज्यादती हो रही है।” उन्होंने आगे कहा, “भारत के मुसलमानों के लिए भारत से अच्छा दोस्त, हिंदुओं से बेहतर भाई और नरेंद्र मोदी से बड़ा नेता कोई नहीं हो सकता।”

सरकार की सौगात और भेदभाव का सवाल

शाहनवाज हुसैन ने सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि मुसलमानों को भारत में कोई दिक्कत नहीं है। “हर महीने 5 किलो अनाज, गैस सिलेंडर, बैंक खाते में पैसा और पक्का मकान—यह सब बिना भेदभाव के मिल रहा है। मोदी जी की सौगात हर किसी तक पहुंच रही है,” उन्होंने गर्व से कहा। उनका इशारा था कि सरकार की नीतियां समावेशी हैं और विपक्ष का भेदभाव का आरोप बेबुनियाद है।

अखिलेश यादव और ईदगाह का विवाद

बातचीत में सपा मुखिया अखिलेश यादव का जिक्र भी आया, जिन्होंने दावा किया कि उन्हें ईद के दिन ईदगाह नहीं जाने दिया गया। अनिता चौधरी के इस सवाल पर शाहनवाज हुसैन ने तंज कसा, “क्या अखिलेश यादव नमाज पढ़ने जा रहे थे? जो नमाज पढ़ता है, वही ईदगाह जाता है। मैं गया, तो नमाज के लिए गया।” उन्होंने कहा कि ईदगाह और मस्जिद को राजनीति का अड्डा बनाना ठीक नहीं। उनका आरोप था कि अखिलेश लोगों को भड़काने की कोशिश कर रहे थे।

संभल सांसद पर तीखा हमला

संभल के सांसद पर भी शाहनवाज ने तल्ख टिप्पणी की। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “संभल में न तो कोई मुस्लिम परेशान है और न ही किसी को गिरफ्तार किया जा रहा है। संभल सांसद पहले अपने घर का हिसाब दें।” उनका इशारा सांसद के घर बिजली चोरी के पुराने मामले की ओर था, जिसे लेकर वह पहले भी विवादों में रहे हैं।

त्योहारों के बीच सियासत का शोर

यह बातचीत उस वक्त हुई, जब देश नवरात्रि और ईद के दोहरे रंग में रंगा हुआ है। एक तरफ भक्ति और उत्सव का माहौल है, तो दूसरी तरफ वक्फ संशोधन जैसे मुद्दों पर सियासी बयानबाजी जोरों पर है। शाहनवाज हुसैन ने जहां सरकार का पक्ष मजबूती से रखा, वहीं विपक्ष पर दुष्प्रचार और भड़काने का आरोप लगाया। अनिता चौधरी की यह खास मुलाकात न सिर्फ मौजूदा हालात की नब्ज टटोलती है, बल्कि त्योहारों के इस संगम में सियासत और सच्चाई के बीच की जंग को भी उजागर करती है।

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