वाराणसी, 10 जून 2025, मंगलवार: वाराणसी के पवित्र काशी विश्वनाथ मंदिर में भक्तों की आस्था के साथ खिलवाड़ करने वाले फर्जी पंडा-पुजारियों का खेल अब पुलिस ने खत्म कर दिया है। मंगलवार को पुलिस ने मंदिर परिसर में छापेमारी कर 21 ऐसे ठगों को धर दबोचा, जो भक्तों से दर्शन और पूजन के नाम पर अवैध उगाही कर रहे थे। ये लोग न केवल प्रसाद और लॉकर के नाम पर पैसे ठगते थे, बल्कि कुछ तो दलाली तक करते थे। हैरानी की बात यह कि दो दिन पहले इन्होंने डीजीपी के करीबियों से भी 1400 रुपये ऐंठ लिए!
मंदिर प्रशासन की शिकायत पर शुरू हुई कार्रवाई
मंदिर प्रशासन को लंबे समय से शिकायतें मिल रही थीं कि गोदौलिया से मैदागिन तक कुछ लोग भक्तों को बाबा विश्वनाथ के दर्शन के नाम पर लूट रहे हैं। ये ठग प्रसाद और पूजा के नाम पर मनमानी रकम वसूलते थे, जबकि मंदिर में सामान्य दर्शन पूरी तरह निःशुल्क है। भक्तों ने भी शिकायत की थी कि इन फर्जी पंडों ने न तो उनकी मनचाही पूजा कराई, न ही कोई उचित व्यवस्था दी। इसके बाद मंदिर प्रशासन ने पुलिस को सूचना दी, जिसके आधार पर सीसीटीवी फुटेज की बारीकी से जांच शुरू हुई।
सीसीटीवी और मुखबिरों ने खोली पोल
पुलिस ने कई दिनों तक मंदिर के सीसीटीवी फुटेज खंगाले, जिसमें कई संदिग्ध चेहरे नजर आए। मंगलवार सुबह पुलिस ने बड़े पैमाने पर अभियान शुरू किया। मुखबिरों की मदद से फर्जी पंडों की पहचान की गई, जो पुजारी की वेशभूषा में भक्तों को ठग रहे थे। पुलिस ने मंदिर गेट पर खड़े ऐसे लोगों से पूछताछ शुरू की और मंदिर प्रशासन द्वारा जारी आईडी कार्ड मांगे। जो लोग आईडी या ठोस जवाब नहीं दे पाए, उन्हें तुरंत हिरासत में ले लिया गया।
पुलिस की कार्रवाई से मची खलबली
जैसे ही पुलिस ने कुछ ठगों को पकड़ना शुरू किया, मंदिर गेट पर हड़कंप मच गया। कई फर्जी पंडे गलियों में भागने लगे, लेकिन पुलिस ने दौड़ाकर उन्हें धर दबोचा। सभी 21 आरोपियों को दशाश्वमेध थाने ले जाया गया, जहां उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया। गिरफ्तार आरोपियों में निखिल पाण्डेय, प्रतीक सिंह, मोनू सिंह, गुरु प्रसाद जायसवाल, विशाल पाण्डेय, ईशान मिश्रा, विनायक मिश्रा, संकठा प्रसाद, लकी पाण्डेय, राजू पाण्डेय, रंधावा विश्वकर्मा, अमीर, छोटू पाण्डेय, संजय पाण्डेय, मनीष पाण्डेय, सचिन जायसवाल, गोलू साहनी, अजय कुमार, बृजेश कुमार, पवन साहनी और अजय कुमार शामिल हैं। ये सभी वाराणसी और आसपास के जिलों जैसे मिर्जापुर, चंदौली, गाजीपुर और जौनपुर के रहने वाले हैं।
पुलिस का सख्त रुख, भक्तों को राहत
एसीपी दशाश्वमेध अतुल अंजान त्रिपाठी ने बताया कि मंदिर के बाहर फर्जी पुजारी बनकर भक्तों को ठगने वालों के खिलाफ यह कार्रवाई निर्णायक है। पुलिस ने साफ किया कि भक्तों की आस्था के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस कार्रवाई से श्रद्धालुओं में राहत की लहर है, और अब उम्मीद है कि काशी विश्वनाथ धाम में दर्शन का अनुभव और भी सुगम और पवित्र होगा।
यह कार्रवाई न केवल फर्जी पंडों के खिलाफ एक सख्त संदेश है, बल्कि भक्तों को यह भरोसा भी देती है कि उनकी आस्था का सम्मान सुरक्षित हाथों में है। काशी विश्वनाथ मंदिर में अब बिना किसी ठगी के भक्त बाबा के दर्शन कर सकेंगे।