✍️ विकास यादव
नई दिल्ली, 7 अप्रैल 2025, सोमवार। महाराष्ट्र के धाराशिव जिले से एक ऐसी खबर सामने आई है, जो सुनने वाले के दिल को झकझोर देती है। एक कॉलेज की फेयरवेल पार्टी, जो खुशियों और विदाई के जश्न का मौका होना चाहिए था, अचानक मातम में बदल गई। 20 साल की वर्षा खरात, जो मंच पर आत्मविश्वास के साथ अपनी फेयरवेल स्पीच दे रही थीं, अचानक बेहोश होकर गिर पड़ीं और दुनिया को अलविदा कह गईं। यह दर्दनाक घटना कैमरे में कैद हो गई, और अब इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जो हर किसी को हैरान कर रहा है।
यह हादसा धाराशिव जिले के परंडा तालुका में स्थित आर. जी. शिंदे कॉलेज में हुआ। वीडियो में साफ दिखता है कि वर्षा बेहद उत्साह और मुस्कान के साथ अपनी बात शुरू करती हैं। उनके चेहरे पर आत्मविश्वास की चमक और सपनों की झलक साफ नजर आती है। लेकिन पलक झपकते ही सब कुछ बदल जाता है। उनका चेहरा पीला पड़ने लगता है, कदम लड़खड़ाते हैं, और वह मंच पर गिर पड़ती हैं। कुछ लोग तुरंत उनकी मदद के लिए दौड़ते हैं, लेकिन किस्मत को शायद कुछ और ही मंजूर था।
वर्षा को फौरन परंडा के सरकारी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां पहुंचते ही डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। कॉलेज के फैकल्टी सदस्य महेश माने का कहना है, “जैसे ही वह बेहोश हुईं, हमने उन्हें तुरंत अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने कहा कि उनकी सांसें थम चुकी हैं। इसके बाद विदाई समारोह की खुशियां मातम में बदल गईं।” यह सुनकर हर कोई स्तब्ध रह गया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, वर्षा को दिल की बीमारी थी। सात साल पहले उनकी बाइपास सर्जरी हुई थी, और तब से वह रोज दवाइयां लेती थीं। उनके पिता धनजी खरात, जो जिला परिषद स्कूल में टीचर हैं, ने बताया, “सर्जरी के बाद से वह नियमित रूप से दवा लेती थी, लेकिन 4 मार्च को कॉलेज जाने की जल्दबाजी में वह दवा लेना भूल गई थीं।” शायद यही छोटी सी चूक उनके लिए इतनी भारी पड़ गई।
वर्षा एक ऐसी छात्रा थीं, जिनके बारे में कॉलेज के अधिकारी गर्व से बात करते हैं। प्रतिभाशाली, मेहनती और सपनों से भरी हुई। वह एक साधारण परिवार से थीं और परिवार में उनकी एक बड़ी बहन व एक छोटा भाई भी है। वर्षा अपने और अपने परिवार के लिए बड़े-बड़े सपने संजोए हुए थीं। लेकिन नियति ने उनके सपनों को पूरा होने से पहले ही छीन लिया।
हालांकि उनकी मौत की सटीक वजह अभी स्पष्ट नहीं हो पाई है, लेकिन माना जा रहा है कि मंच पर भाषण देते वक्त उन्हें अचानक दिल का दौरा पड़ा होगा। यह कहानी न सिर्फ दुखद है, बल्कि एक सवाल भी छोड़ जाती है—क्या समय पर ली गई एक गोली उस मुस्कान को बचा सकती थी, जो अब हमेशा के लिए खामोश हो गई?