आत्मवीरेश्वर महादेव मंदिर में लगी आग, स्थानीय लोगों ने 25 मिनट में पाया काबू, नौ झुलसे, तीन को मिली अस्पताल से छुट्टी
वाराणसी, 11 अगस्त 2025: बनारस की संकरी गलियों ने एक बार फिर फायर ब्रिगेड की मुश्किलें बढ़ा दीं। शनिवार रात चौक थाना क्षेत्र के आत्मवीरेश्वर महादेव मंदिर में लगी भीषण आग की सूचना पर कोतवाली और चेतगंज फायर स्टेशनों से रवाना हुई फैंटम दमकल गलियों की मैपिंग न होने के कारण दो घंटे तक भटकती रही। जब तक दमकल मंदिर पहुंची, स्थानीय लोगों ने न केवल आग पर काबू पा लिया था, बल्कि नौ झुलसे लोगों को अस्पताल भी पहुंचा दिया था। इस घटना ने शहर की अग्निशमन व्यवस्था की तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
मंदिर में आग, रूई की सजावट बनी आफत
शनिवार रात आत्मवीरेश्वर महादेव मंदिर में शृंगार के दौरान दीपदान गिरने से आग भड़क उठी। मंदिर की सजावट के लिए 100 किलोग्राम रूई का इस्तेमाल किया गया था, जिसके कारण आग ने तेजी से विकराल रूप ले लिया। प्रत्यक्षदर्शी और मंदिर में मौजूद बुजुर्ग मुन्नू लाल यादव ने बताया, “शृंगार के कारण आरती एक घंटे पहले शुरू की गई थी। गर्भगृह का एक गेट बंद था। उसी कोने में दीपदान गिरा और देखते ही देखते आग फैल गई।” स्थानीय निवासी प्रदीप के मुताबिक, क्षेत्रवासियों ने पानी डालकर महज 25 मिनट में आग पर काबू पा लिया, लेकिन तब तक नौ लोग झुलस चुके थे।
फायर ब्रिगेड की लेटलतीफी, मैपिंग की कमी बनी वजह
फायर ब्रिगेड का दावा है कि मंदिर का सही नाम और पते की जानकारी न होने के कारण दमकल दस्ता गलियों में भटकता रहा। बाद में स्थानीय दुकानदारों की मदद से संकठा मंदिर के पास आत्मवीरेश्वर महादेव मंदिर तक पहुंचा गया। अग्निशमन अधिकारियों ने बताया कि कोतवाली और चेतगंज फायर स्टेशन मैदागिन, चौक, दशाश्वमेध, गोदौलिया, रामापुरा, लक्सा, भेलूपुर और लंका जैसे क्षेत्रों को कवर करते हैं। गंगा किनारे की संकरी गलियों को ध्यान में रखते हुए कमिश्नरेट में बाइक दमकल भी तैनात की गई हैं, जो तुरंत घटनास्थल पर पहुंच सकती हैं।
हालांकि, अधिकारियों ने स्वीकार किया कि गलियों की मैपिंग न होने के कारण ऐसी घटनाओं में देरी हो जाती है। एक अधिकारी ने कहा, “लोकेशन मिलने के बाद भी कई बार पूछताछ करनी पड़ती है। मैपिंग की व्यवस्था अभी तक नहीं हो सकी है।”
मंदिर में फिर शुरू हुआ पूजा-पाठ
आग की घटना के बाद आत्मवीरेश्वर महादेव मंदिर में सोमवार की सुबह पांच बजे आरती के साथ पूजा-पाठ शुरू हो गया। मंदिर के पट सामान्य दर्शन के लिए खोल दिए गए। प्रदेश सरकार के आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु ने मंदिर पहुंचकर महादेव के दर्शन किए और अस्पताल में भर्ती घायलों का हाल जाना। उन्होंने पीड़ित परिजनों को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया।
घायलों को 50 हजार की मदद, तीन को मिली छुट्टी
आग से झुलसे नौ लोगों में से तीन को अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है, जबकि छह का इलाज महमूरगंज के एक निजी अस्पताल में चल रहा है। सीएमओ डॉ. संदीप चौधरी और भाजपा के शहर दक्षिणी विधायक डॉ. नीलकंठ तिवारी ने घायलों से मुलाकात की। विधायक ने प्रत्येक घायल को 50 हजार रुपये की आर्थिक मदद की घोषणा की और मौके से ही जिलाधिकारी से बात कर सहायता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
सवालों के घेरे में अग्निशमन व्यवस्था
यह घटना बनारस की अग्निशमन व्यवस्था की खामियों को उजागर करती है। संकरी गलियों और मैपिंग की कमी के कारण फायर ब्रिगेड का समय पर न पहुंचना चिंता का विषय है। विशेषज्ञों का कहना है कि आधुनिक तकनीक और जीपीएस आधारित मैपिंग सिस्टम लागू करने से ऐसी घटनाओं में तेजी से कार्रवाई हो सकती है। स्थानीय लोगों ने भी मांग की है कि प्रशासन को फायर स्टेशनों की कार्यप्रणाली और संसाधनों को दुरुस्त करना चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी लापरवाही न हो।
आत्मवीरेश्वर महादेव मंदिर में लगी आग ने न केवल स्थानीय लोगों की तत्परता को दिखाया, बल्कि फायर ब्रिगेड की कमियों को भी सामने ला दिया। प्रशासन और सरकार से उम्मीद है कि इस घटना को गंभीरता से लेते हुए अग्निशमन व्यवस्था को और मजबूत किया जाएगा, ताकि बनारस की पवित्र गलियों में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।