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Monday, November 11, 2024

गंगा का रौद्र रूप शांत, फिर भी दुश्वारियां बरकरार, पिंडदान व श्राद्धकर्म के लिए जद्दोजहद

वाराणसी, 21 सितंबर। काशी में गंगा का रौद्र रूप धीरे-धीरे शांत हो रहा है, लेकिन घाटों पर दुश्वारियां अभी भी बरकरार है। गंगा के गर्वीले घाट अभी जलमग्न है। जिसके कारण पूजा-पाठ, शवदाह आदि के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। तो वहीं, पिंडदान व श्राद्धकर्म करने के लिए भी जद्दोजहद की स्थिति बनी हुई है। गंगा घाटों पर तर्पण व पिंडदान चल रहा है। पितृपक्ष का शनिवार को चौथा दिन रहा। आज लोगों ने चतुर्थी तिथि पर अपने पूर्वजों का श्राद्ध करके उन्हें याद किया। गंगा घाटों पर पितृ पक्ष में तर्पण व पिंडदान करने वालों की भीड़ कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है। इनमें बाहर से आये हुए तीर्थयात्री ज्यादा हैं।

उधर, बाढ़ के चलते प्रायः हर घाटों पर गंगा का पानी घाट के ऊपर की सीढ़ियों तक लगा है। इसके चलते पितरों को तर्पण या पिंडदान करने वालों के समक्ष काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। घाटों पर कम जगहों पर ही तर्पण व पिंडदान भी चल रहा है। इनमें राजघाट, प्रहलादघाट, त्रिलोचनघाट, गायघाट, सिंधिया घाट, डा. राजेन्द्र प्रसाद घाट, दशाश्वमेधघाट, अस्सी घाट पर पिंडदान व तर्पण करने वालों की भीड़ देखी गई। इसके अलावा अन्य घाटों पर भी जहां पर जिसको सुविधा मिल रही है वहां पर लोग तर्पण व पिंडदान कर रहे हैं।

गंगा घाटों के अलावा पिशाचमोचन तीर्थ पर भी पिंडदान करने वालों की भीड़ उमड़ी है। इनमें बाहर से आये हुए तीर्थयात्री ज्यादा है। जो यहां पर आकर अपने पितरों की याद में त्रिपिंडी श्राद्ध कर रहे हैं। पिचाशमोचन तीर्थ पर बाहर से आये तीर्थयात्रियों की संख्या ज्यादा है। यहां पर सुबह से लेकर अपराह्न तक पिंडदान व श्राद्ध कर्म सम्पन्न कराये जा रहे हैं।

मां गंगा के रौद्र रूप की शांति के लिए प्रार्थना

काशी के डा. राजेंद्र प्रसाद घाट पर मां गंगा निषाद राज सेवा समिति की ओर से मां गंगा के रौद्र रुप की शांति के लिए नाविकों ने 101 दीप जलाये। साथ ही रौद्र रुप की शांति के लिए उनसे प्रार्थना की। डा. राजेंद्र प्रसाद घाट पर सैकड़ों की संख्या में मांझी समाज के लोग जुटे। मां गंगा के रूद्र रूप को शांत करने के लिए बाढ़ का पानी कम हो और लाखों की संख्या में प्रभावित लोगो की रक्षा हो, इसके लिए माझी समाज ने 101 दीप दान कर पूजा की।

समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनोद कुमार निषाद ने कहा कि काशी के माझी समाज एवं काशी वासियों ने मां गंगा जो रौद्र रूप धारण कर चुकी है उनको मनाने के लिए हम सभी काशी के लोग मां गंगा जी को दीपदान भोग प्रसाद लगाकर मना रहे हैं। हम लोगों का नौका संचालन पिछले 2 माह से बंद हैं। जिससे हजारो नाविक समाज की जीविका को संकट खड़ा हो रहा हैं। मां से निवेदन कर रहे जिससे मां गंगा शांत हो जिससे नाविकों के साथ साथ काशीवासियों को राहत मिले।

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