दंपती की बर्बरता की शिकार हुई बेटी का सौदा उसके पिता द्वारा किया गया था। आरोपी दंपती ने बच्ची पर इतना जुल्म ढाया कि वह उठकर बैठ तक नहीं पा रही है। पुलिस दंपती से पूछताछ कर रही है। छावनी परिषद का कहना है कि गोद लिए जाने तक बच्ची की पूरी देखभाल की जाएगी।
शनिवार को छावनी अस्पताल प्रशासन की सूचना पर पुलिस ने प्रीतम नगर निवासी अरुण सिन्हा व उसकी पत्नी अंजना को गिरफ्तार किया था। दंपती पर मासूम बच्ची को अमानवीय यातनाएं देने का आरोप था।
अस्पताल में भर्ती बच्ची ने रविवार को बताया कि वह लखनऊ के चौक इलाके की रहने वाली है। मां के गुजर जाने के बाद दिहाड़ी मजदूरी करने वाले पिता रामबाबू उसका पालन पोषण करते थे। चंद रुपये की खातिर पिता ने उसे तीन अंजान लड़कों के हाथ उसे बेच दिया, जिसके बाद उसे कानपुर ले जाया गया।
बच्ची ने बताया कि कानपुर में उसे जहां रखा गया था, वहां कुछ और लड़कियां भी थीं। वहीं कुछ दिनों बाद बच्ची का सौदा प्रयागराज की नि:संतान सिन्हा दंपती के साथ कर दिया गया। आर्मी स्कूल के अध्यापक अरुण सिन्हा अपनी पत्नी रंजना सिन्हा के साथ उस बच्ची को लेकर प्रीतम नगर स्थित सनशाइन अपार्टमेंट में रहने लगे।
आरोपी पति-पत्नी उससे नौकरानी की तरह काम कराते थे। वह घर का झाडू, पोछा, बर्तन साफ करने के साथ-साथ खाना भी बनाती थी। काम में आनाकानी करने पर रंजना उसे जमकर पीटती। उसके हाथ जो आता उसी से बच्ची को मारने लगती।
अरुण मासूम पर हो रही यातनाओं को देखकर भी खामोश रहा। शुक्रवार को अंजना ने बच्ची पर पैसे चुराने का आरोप लगाया। बच्ची कहती रही कि उसने चोरी नहीं की, मगर उसकी एक न सुनी गई। जिसके बाद सिन्हा दंपती ने उसे जानवरों की तरह पीटा।
बड़ी बेरहमी से पीटा गया है। उसके शरीर पर जिस तरह चोट के निशान हैं वह किसी बड़ी दुर्घटना में देखने को मिलते हैं। फिलहाल बच्ची का इलाज चल रहा है।-डॉ. हर्ष वर्धन, जनरल फिजीशियन, छावनी अस्पताल
अगर कोई बच्ची को गोद नहीं लेता है तो मैं उसे गोद लूंगा। मेरी एक बेटी है, बच्ची को गोद लेने के बाद दो हो जाएंगी। मेरे लिए इससे ज्यादा खुशी की बात और क्या हो सकती है। -सिद्धार्थ पांडेय, प्रोजेक्ट हेड, छावनी अस्पताल