10 वीं और 12 वीं में पढ़ने वाले होनहार छात्र भी अब खाद्य विश्लेषक यानी फूड इंस्पेक्टर बन सकेंगे। खाद्य सुरक्षा विभाग स्कूलों में पढ़ने वाले विज्ञान के होनहार छात्रों को मिलावट को पहचानने और उसके भौतिक और रसायन परीक्षणों की बारीकी बताएंगे। प्रशिक्षित हो जाने के बाद वहीं छात्र अपने-अपने क्षेत्रों में किसी भी प्रकार की मिलावट की पहचान कर सकेंगे। मिलावट की पहचान करने के साथ गांवों में ग्रामीणों को बताएंगे कि किस तरह से खाने-पानी की चीजों का आसानी से जांच कर सकते हैं।
छात्रों को प्रशिक्षित करने के लिए खाद्य सुरक्षा विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। सहायक खाद्य सुरक्षा आयुक्त श्रवण मिश्रा ने बताया कि छात्रों को प्रशिक्षित करने के लिए स्कूल प्रबंधन से वार्ता की जा रही है। उच्च शिक्षा अधिकारी और जिला विद्यालय निरीक्षक से स्कूलों की सूची मंगाकर ब्लॉकवार प्रशिक्षण का कार्यक्रम तय किया जाएगा। ब्लाकों में हमारे प्रशिक्षक पहुंचकर छात्रों को जांच की विधि बताएंगे साथ ही यह भी बताएंगे प्रथम दृष्टया किसी भी खाद्य सामग्री में मिलावट की पहचान कैसे करें।
हर गांव में प्रशिक्षित करेंगे
जिन होनहार छात्रों को हम प्रशिक्षित करेंगे वही छात्र गांवों में किसी भी संगोष्ठी या सार्वजनिक आयोजनों में मिलावट की पहचान की बारीकी बताएंगे। श्री मिश्रा ने बताया कि दरअसल खाद्य विश्लेषकों की संख्या सीमित है। ऐसे में हर जगह पहुंच पाना संभव नहीं होता है। ऐसे में स्कूली बच्चों को मिलावट मुक्त अभियान के साथ जोड़ने का प्रयास है। इससे मिलावट पर काफी हद तक अंकुश तो लगेगा ही साथ ही बच्चों की प्रतिभा भी बढ़ेगी। इस तरह के काम उनके करियर में भी काफी मददगार साबित होगी।
होनहार स्कूली बच्चों को मिशन मिलावट मुक्त गोरखपुर मण्डल में जोड़कर मिलावट के खिलाफ मुहिम और तेज होगी। स्कूल और कॉलेज स्तर पर छात्रों को प्रशिक्षण देने की तैयारी चल रही है। जल्द ही इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।