वाराणसी, 17 अक्टूबर 2024, गुरुवार। काशी और चंदौली को जोड़ने वाले गंगा पर प्रस्तावित सिग्नेचर ब्रिज का डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) फाइनल हो चुका है। रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस ब्रिज के डिजाइन और प्रजेंटेशन को साझा किया, जिसमें चार लेन के रेलवे ट्रैक और छह लेन की सड़क के ब्लू प्रिंट का उल्लेख किया गया है। यह ब्रिज 2642 करोड़ रुपये की लागत से 2028 तक तैयार किया जाएगा, जिसे अगले 150 सालों के लिए डिजाइन किया गया है। रेलमंत्री ने बताया कि 137 साल पुराने मालवीय पुल के 50 मीटर की दूरी पर इस सिग्नेचर ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। ब्रिज से काशी, चंदौली, बिहार, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ का बेहतर परिवहन संपर्क होगा, जिससे चारों दिशाओं में यातायात में तेजी आएगी। इस सिग्नेचर ब्रिज की लंबाई लगभग 1074 मीटर होगी।
गंगा में इसके आठ पिलर होंगे। छह लेन की सड़क बनाई जाएगी। इसके अलावा चार लेन का रेलवे ट्रैक होगा। इस ब्रिज का निर्माण पर्यावरण के अनुकूल होगा और यह ऊर्जा की दृष्टि से किफायती होगा। रेलमंत्री ने बताया कि यह परियोजना कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने में भी सहायक होगी, जिससे लगभग 149 करोड़ किलोग्राम सीओ 2 का उत्सर्जन कम किया जा सकेगा, जो छह करोड़ पौधों के रोपण के बराबर है। ब्रिज का फाउंडेशन गंगा की सतह से 120 फीट गहरा होगा। इसकी कुल लंबाई एक किलोमीटर से थोड़ी अधिक होगी। नए रेलवे ट्रैक पर यात्री ट्रेनें 90 से 100 किमी/घंटा की रफ्तार से चल सकेंगी, जबकि वर्तमान में मालवीय पुल से ट्रेनों की रफ्तार सिर्फ 40 किमी/घंटा है। सिग्नेचर ब्रिज का निर्माण सभी संबंधित विभागों के आपसी समन्वय से किया जाएगा। सभी विभागों की सहमति पहले ही बन चुकी है, जिसमें नगर निगम, पीडब्ल्यूडी, जलकल, बिजली विभाग, और कमिश्नरेट पुलिस जैसे विभाग शामिल हैं।