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Tuesday, July 1, 2025

कोरोना महामारी के बाद देश की अर्थव्यवस्था मजबूती के साथ पटरी पर लौट रही है

कोरोना वायरस महामारी की दो लहरों का सामना कर चुके देश की अर्थव्यवस्था मजबूती के साथ पटरी पर लौट रही है। मंगलवार को राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी के आंकड़े जारी किए। मौजूदा वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही यानी अप्रैल-जून के आंकड़े बताते हैं कि जीडीपी विकास दर 20.1 फीसदी रही है। यह चीन से भी बेहतर आंकड़े हैं क्योंकि पहली तिमाही में चीन की विकास दर 7.9 फीसदी दर्ज की गई है। यानी यह माना जा सकता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था चीन के मुकाबले तेजी से सुधरी है।

एक साल पहले के आंकड़े
पिछले साल जब देश कोरोना की पहली लहर का सामना कर रहा था, तब भारत में दुनिया का सबसे लंबा और बड़ा लॉकडाउन लगाया गया था। इस वजह से पिछले वित्त वर्ष यानी 2020-21 की पहली तिमाही में विकास दर निगेटिव में चली गई थी। तब यह -24.4 फीसदी दर्ज की गई थी।

अनुमान भी कुछ ऐसे ही थे
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की इकोरैप रिसर्च रिपोर्ट में अप्रैल-जून तिमाही के दौरान जीडीपी में 18.5 फीसदी की दर से वृद्धि का अनुमान लगाया गया था। वहीं, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही के लिए 21.4 फीसदी की वृद्धि का अनुमान जताया था।

एनपीए में आई गिरावट
उधर, देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम ने कहा कि बाहरी क्षेत्र बेहतर स्थिति तैयार कर रहा है। फॉरेक्स रिसर्व बढ़ रहे हैं। महामारी के चलते आपूर्ति में समस्याएं आने के बावजूद महंगाई वैश्विक आर्थिक संकट (जीएफसी) के मुकाबले कहीं कम थी।

सुब्रमण्यम ने कहा कि मार्च 2021 में सकल एनपीए 7.4 फीसदी रहे जो मार्च 2008 में 11.2 फीसदी थे। 2021-22 की पहली तिमाही के लिए जीडीपी डाटा एक ‘वी’ आकार की रिकवरी की भविष्यवाणी की पुष्टि करता है जो हमने पिछले साल इसी समय की थी।

चिदंबरम ने की आलोचना
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने जीडीपी में 20.1 फीसदी की वृद्धि को लेकर कहा है कि यह डाटा एक साल पुराने निचले आधार की मदद से तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था अभी भी महामारी से पूर्व की स्थिति से दूर है। उन्होंने कहा, ‘इससे पहले कि हम पहली तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर का जश्न मनाना शुरू करें, कृपया कुछ बातों को ध्यान में रखें। यह ‘वृद्धि’ 2021-21 की पहली तिमाही में -24.4 फीसदी के असल में नकारात्मक आंकड़े के आधार पर है।’
कुछ इस तरह बदले आंकड़े
वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में -24.4 फीसदी।
2020-21 की दूसरी तिमाही में -7.4 फीसदी।
तीसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था निगेटिव ग्रोथ से बाहर आई। विकास दर 0.5 फीसदी दर्ज की गई।
पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में यह 1.6 फीसदी रही।
मौजूदा वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही यानी अप्रैल-जून में यह बढ़कर 20.1 फीसदी हो गई।

 

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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