अयोध्या, 14 फरवरी 2025, शुक्रवार। हनुमत निवास अयोध्या के श्री महंत आचार्य मिथिलेश नंदिनी शरण ने हाल ही में चल रहे 144 साल में एक बार महाकुंभ के दावे को पूरी तरह भ्रामक और केवल प्रचार बताया है। उन्होंने कहा कि हर 12 साल पर कुंभ होता है, यह कोई नई या अनोखी घटना नहीं है। इस तरह के प्रचार से धार्मिक समाज को गुमराह किया जा रहा है।
महंत ने चिंता जताते हुए कहा कि हमारा धार्मिक क्षेत्र मदारी होता जा रहा है। हम जादू दिखाने में व्यस्त हो गए हैं, जबकि धर्म का मूल उद्देश्य आध्यात्मिक उत्थान और आत्मशुद्धि है। आचार्य मिथिलेश नंदिनी शरण जी का यह बयान उस समय आया है जब सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों पर “144 साल में एक बार महाकुंभ” की बातें तेजी से फैल रही हैं।
धार्मिक विद्वानों और इतिहासकारों के अनुसार, कुंभ मेला हर 12 साल में चार स्थानों हरिद्वार, प्रयागराज, उज्जैन और नासिक में बारी-बारी से आयोजित होता है। वहीं, महाकुंभ हर 144 साल में नहीं, बल्कि हर 12वें कुंभ के बाद यानी 144वें वर्ष में प्रयागराज में होता है। महंत ने भक्तों से आग्रह किया कि वे प्रामाणिक धार्मिक ग्रंथों और संतों की शिक्षाओं पर ध्यान दें, न कि सोशल मीडिया और भ्रामक प्रचार पर।