मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकसभा चुनाव की तैयारियों से पहले चुनावी मैदान के कील कांटे दुरुस्त करने का काम शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री ने पिछले दिनों सांसदों व विधायकों के साथ मंडलवार संवाद पूरा करने के बाद बाद शनिवार को मंत्रियों व वरिष्ठ अधिकारियों के साथ साझा बैठक की। उन्होंने वित्तीय स्वीकृतियों की समीक्षा के साथ ही फील्ड की स्थिति में सुधार के लिए विस्तृत निर्देश दिए। जिलों में अफसरों व जनप्रतिनिधियों के बीच समन्वय के लिए हर महीने बैठकों की व्यवस्था बना दी है।सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री को सांसदों और विधायकों से सबसे ज्यादा शिकायतें ऊर्जा विभाग से संबंधित मिली थीं। मुख्यमंत्री ने सख्त हिदायत दी है कि वसूली के नाम पर उत्पीड़न स्वीकार नहीं किया जाएगा। उन्होंने बिलिंग व्यवस्था में सुधार के लिए ठोस कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए। फीडबैक में यह बात भी सामने आई कि कई जिलों के अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के बीच समन्वय की कमी है। मुख्यमंत्री ने फील्ड में तैनात मंडलायुक्त, डीएम, एसएसपी व सीडीओ जैसे अधिकारियों को जनप्रतिनिधियों से लगातार संवाद बनाए रखने के निर्देश दिए। उन्होंने हर महीने जनप्रतिनिधियों के साथ विकास परियोजनाओं की समीक्षा का भी निर्देश दे दिया। मुख्यमंत्री ने ऊर्जा के साथ नगर विकास, समाज कल्याण सहित अन्य विभागों को जमीनी व्यवस्थाओं में सुधार के निर्देश दिए
मुख्यमंत्री ने उद्योग बंधु की नियमित बैठक के निर्देश दिए हैं। वहीं व्यापारियों से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए हर महीने व्यापारिक संगठनों के साथ बैठक होगी। यह बैठक उद्योग विभाग आयोजित करेगा।युवाओं और रोजगार पर रहेगा सरकार का फोकस लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सरकार युवाओं पर फोकस करेगी। युवाओं को साधने के लिए हर जिले में उनसे संवाद के साथ रोजगार और स्वरोजगार की रफ्तार बढ़ाई जाएगी। मुख्यमंत्री ने रोजगार के मोर्चे पर प्रतिबद्धता दिखाते हुए आगामी दो माह में सभी विधानसभा क्षेत्रों में रोजगार मेलों का आयोजन करने के निर्देश दिए हैं। विपक्षी दल बेरोजगारी को मुद्दा बनाने की कोशिश करते रहे हैं। सीएम ने सरकारी नौकरियों के नियुक्ति पत्र वितरण अभियान को आगे बढ़ाने के साथ विधानसभा क्षेत्रवार रोजगार मेलों का आयोजन कर बेरोजगारी के मुद्दे की धार कुंद करने की रणनीति बनाई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभारी मंत्री युवाओं से संवाद बनाएं।
प्रदेश सरकार ने जिलों में प्रभारी मंत्री तैनात कर दिए हैं। योगी सरकार ने दूसरे कार्यकाल में जिलों की प्रभार व्यवस्था में कई तरह के प्रयोग के बाद पुरानी व्यवस्था के अनुरूप प्रभारी मंत्रियों की तैनाती भी कर दी है। दोनों उप मुख्यमंत्री किसी भी जिले के प्रभारी मंत्री नहीं बनाए गए हैं। संसदीय कार्य एवं वित्त मंत्री सुरेश खन्ना को गोरखपुर और लखनऊ का प्रभारी मंत्री नियुक्त किया है। योगी सरकार 2.0 गठन के बाद मंत्री समूह गठित कर उन्हें एक-एक संभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। अलग-अलग मंत्री समूह ने तीन चरण में संभागों का दौरा किया। उसके बाद मुख्यमंत्री योगी, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के बीच 25-25 जिलों के भ्रमण का प्रयोग सामने आया। मुख्यमंत्री ने मंत्रिमंडल की बैठक में सभी जिलों में प्रभारी मंत्रियों की तैनाती का एलान किया। उन्होंने बताया कि प्रभारी मंत्री एक साल के लिए नियुक्त किए गए हैं। बताते चलें आगामी दिनों में सभी जिलों में जिला योजना समिति की बैठक होनी है। बैठक की अध्यक्षता प्रभारी मंत्री करते हैं।