वाराणसी, 24 अप्रैल 2025, गुरुवार। वाराणसी, यानी भोले की नगरी काशी, जहां हर गली-मोहल्ले में इतिहास और आस्था की गूंज सुनाई देती है। लेकिन अब इस प्राचीन नगरी की तस्वीर बदल रही है। योगी सरकार के नेतृत्व में काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर के जीर्णोद्धार के बाद अब विकास की नई इबारत लिखी जा रही है। ऐसा ही एक नया अध्याय शुरू हुआ है दालमंडी के पत्थर गली में, जहां कभी अवैध बूचड़खाने की चीखें गूंजती थीं, वहां अब लोगों के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए एक आधुनिक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आकार ले रहा है।

अवैध बूचड़खाने से स्वास्थ्य केंद्र तक का सफर
साल 2017 में योगी आदित्यनाथ सरकार ने उत्तर प्रदेश में अवैध बूचड़खानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू की थी। दालमंडी की पत्थर गली में चल रहा बूचड़खाना भी इस कार्रवाई की जद में आया। घनी आबादी और संकरी गलियों के बीच यह बूचड़खाना न सिर्फ अवैध था, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए असुविधा का सबब भी था। आज उसी स्थान पर एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बन रहा है, जो इस क्षेत्र के लोगों के लिए वरदान साबित होगा।

स्वास्थ्य केंद्र: एक नई उम्मीद
33.78 लाख रुपये की लागत से बन रहे इस स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण दक्षिणी विधायक नीलकंठ तिवारी की विधायक निधि से हो रहा है। 1300 स्क्वायर फीट में फैली इस एकमंजिला इमारत में पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग ओपीडी कक्ष होंगे। साथ ही, एक दवा वितरण केंद्र भी होगा, ताकि लोगों को दवाइयों के लिए दूर न भटकना पड़े। ग्रामीण अभियंत्रण विभाग द्वारा बनाए जा रहे इस केंद्र का उद्देश्य है कि दालमंडी जैसे घनी आबादी वाले इलाके में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी को दूर किया जाए।

स्थानीय लोगों के लिए राहत
दालमंडी की संकरी गलियों में स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव लंबे समय से एक बड़ी समस्या थी। रात में आपात स्थिति में एंबुलेंस का पहुंचना मुश्किल होता था। मरीजों को कबीरचौरा या बीएचयू जैसे बड़े अस्पतालों तक ले जाना पड़ता था, और कई बार समय पर इलाज न मिलने से जान जोखिम में पड़ जाती थी। क्षेत्रीय पार्षद इंद्रेश सिंह बताते हैं कि यह स्वास्थ्य केंद्र इस समस्या का समाधान करेगा। अब स्थानीय लोग तुरंत चिकित्सकीय सहायता पा सकेंगे, जो खासकर बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों के लिए बड़ी राहत होगी।

काशी में विकास की नई लकीर
यह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र न केवल एक इमारत है, बल्कि काशी के बदलते चेहरे का प्रतीक है। जहां कभी अवैध गतिविधियां चलती थीं, वहां अब जीवन रक्षक सुविधाएं स्थापित हो रही हैं। योगी सरकार के इस प्रयास ने न सिर्फ काशी की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को संजोया है, बल्कि जनता की बुनियादी जरूरतों को भी प्राथमिकता दी है। दालमंडी का यह स्वास्थ्य केंद्र इस बात का जीवंत उदाहरण है कि कैसे सही दृष्टिकोण और समर्पण से एक शहर की तकदीर बदली जा सकती है।
काशी की यह नई कहानी हर उस व्यक्ति को प्रेरित करती है, जो बदलाव में यकीन रखता है। यह सिर्फ एक स्वास्थ्य केंद्र नहीं, बल्कि काशी के उज्जवल भविष्य की नींव है।